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    मुंबई. महाराष्ट्र में 5 जिला परिषद और 33 पंचायत समितियों के चुनाव की घोषणा से ओबीसी नेता आक्रमक हो गए हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने एक फैसले में स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को रद्द कर दिया है। ऐसे में ओबीसी नेताओं का मानना है कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में तुरंत पुनर्विचार याचिका दायर किया जाना चाहिए। ऐसे में फिलहाल जब तक कोर्ट में सुनवाई पूरी नहीं होती, चुनाव (Election) को रद्द (Canceled) कर दिया जाना चाहिए। वहीं अब इस मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने का फैसला किया है। 

    उन्होंने कहा कि वे सीएम ठाकरे से मुलाकात कर इन चुनावों को रद्द करने का अनुरोध करेंगे। भुजबल ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को फिर से बहाल करने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट में जाने का फैसला किया है ।

    अदालत में देंगे चुनौती

    पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने कहा कि वह जिला परिषद और पंचायत समिति के उप चुनाव के फैसले के खिलाफ अदालत जाएंगी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार में शामिल दल के लोग केंद्र सरकार से ओबीसी समाज के डेटा की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसकी जरूरत नहीं है। पंकजा ने कहा कि यदि राज्य सरकार समयबद्ध कार्यक्रम तैयार करती है और आंकड़ों के आधार पर प्रत्येक जिले का डेटा अदालत में जमा कर, ओबीसी आरक्षण को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को भी यह स्टैंड लेने की जरूरत है कि उससे पहले चुनाव नहीं होने चाहिए।

    जिला परिषद-पंचायत समितियों के उपचुनाव

    महाराष्ट्र के धुले, नंदुरबार, अकोला, वाशिम और नागपुर जिलों में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण रद्द कर दिया गया है। रद्द पंचायत समिति और जिला परिषद की रिक्त सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। 5 जिला परिषदों और 33 पंचायत समितियों में 19 जुलाई को मतदान और 20 जुलाई को मतगणना होगी।