-अनिल चौहान
भायंदर: महाराष्ट्र (Maharashtra) की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ (Varsha Gaikwad) ने यहां जानकारी दी कि बच्चों (Children) को शुरुआत से ही मातृभाषा के शब्दों के साथ-साथ उनके इंग्लिश शब्द (English Words) का ज्ञान (Knowledge) भी हो सके, इसलिए सभी विद्यालयों (Schools) की पहली कक्षा की पाठ्य पुस्तक (Textbook) दो भाषी (बाय-लिंग्वल) होगी।
शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि सिर्फ विद्यालयों का ढांचागत दर्जा बढ़ाना ही हमारा मकसद नहीं है। हम चाहते हैं कि शिक्षण दर्जेदार हो और सभी बच्चों को एक सामान शिक्षा मिले। मातृभाषा बच्चे आसानी से पढ़-लिख, समझ लेते हैं, लेकिन विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए इंग्लिश पर उनकी अच्छी पकड़ होना उतनी ही जरूरी है। इसलिए हम अभ्यासक्रम में आगामी शैक्षणिक सत्र से बदलाव करने जा रहे हैं।
We are keen to build a culture of excellence in our classrooms. Our model schools aim to develop well rounded individuals through quality education, develop emotional intelligence & marketable skills in our children. pic.twitter.com/J0TcttCCAk
— Prof. Varsha Eknath Gaikwad (@VarshaEGaikwad) March 8, 2022
राज्य के 488 विद्यालय आदर्श विद्यालय के रूप में चयनित
वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि राज्य की सभी पहली कक्षा और आदर्श विद्यालय की दूसरी कक्षा की भी पुस्तक बाय-लिंग्वल की जा रही है।जिसमें मातृभाषा शब्द के साथ उसका इंग्लिश शब्द भी जोड़ा जाएगा। दर्जेदार शिक्षण उपलब्ध कराने की मंशा से राज्य के 488 विद्यालय आदर्श विद्यालय के रूप में चयनित किए गए हैं। इनमें मीरा-भायंदर महानगरपालिका के दो विद्यालय भी शामिल हैं। इन विद्यालयों में भौतिक सुविधाएं, कक्षाएं कंप्यूटरीकृत, उनकी मरम्मत, ई-सामग्री और लाइब्रेरी आदि उपलब्ध कराईं जाएगी। इसकी शुरुआत काशीमीरा के आदर्श विद्यालयों से की गई है। मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में बच्चों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा है। उनकी काउंसलिंग के लिए एक समिति गठित की जाएगी।