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    मुंबई: राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार  (Maha Vikas Aghadi Govt.) को एक और झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने मुंबई महानगरपालिका (BMC) सहित राज्य के सभी स्थानीय निकायों के चुनाव (Local Bodies Elections) का रास्ता साफ कर दिया है। अदालत ने ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के बगैर चुनाव कराने का आदेश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि एक पखवाड़े के अंदर चुनाव कार्यक्रम घोषित किए जाय। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को मानें तो जुलाई में मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, कल्याण सहित अन्य महानगर पालिकाओं के चुनाव कराए जा सकते हैं। इससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

    महाविकास आघाड़ी सरकार के गठन के कुछ समय बाद ही सर्वोच्च न्यायालय ने ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण रद्द कर दिया था। जिससे सरकार की किरकिरी हुई थी। सरकार ने ओबीसी आरक्षण के बगैर स्थानीय निकायों का चुनाव नहीं कराने का निर्णय लिया था। इस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने सरकार की दलीलों को मानने से इंकार कर दिया है।

    ओबीसी राजनीतिक आरक्षण के कारण ही राज्य में महानगर पालिकाओं का चुनाव लटका हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक आरक्षण पर ओबीसी की सुनवाई के दौरान राज्य में तत्काल स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। नतीजतन, राज्य में मुंबई ,नवी मुंबई , सहित अन्य महानगरपालिकाओं और जिला परिषद चुनाव घोषित किए जाएंगे। यदि राज्य सरकार कार्यक्रम की घोषणा करती है तो जुलाई के अंतिम सप्ताह में चुनाव हो सकते हैं। राज्य सरकार की भूमिका यह थी कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के नहीं होने चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार ने कोर्ट में दलील भी दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अब आदेश दिया है कि स्थानीय निकाय चुनावों का कार्यक्रम दो सप्ताह के भीतर प्रस्तुत किया जाए।