Dussehra Rally

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    मुंबई: मुंबई में शिवसेना के दोनों गुटों द्वारा दशहरा रैली (Dussehra Rally) की गई। इस रैली में एक दूसरे पर जमकर राजनीतिक तीर छोड़े गए, लेकिन सभा के बाद मुंबई शहर (Mumbai City) की आबोहवा खराब हो गई है। शिवाजी पार्क (Shivaji Park) हो या बीकेसी स्थित एमएमआरडीए मैदान दोनों गुटों के नेताओं ने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए जोशीले भाषण दिए, लेकिन इनकी सभा पर पुलिस के साथ ही आवाज फाउंडेशन (Awaaz Foundation) की भी पैनी नजर थी। 

    आवाज फाउंडेशन द्वारा सभा के समय की गई जांच में पता चला कि उद्धव ठाकरे के भाषण में तय मानक से ज्यादा आवाज थी। दोनों गुटों की तरफ से शहर को बैनरों और होर्डिंग से पाटकर आबोहवा खराब करने से साथ खूबसूरती को भी बिगाड़ने का काम किया गया। बैनर और होर्डिंग पर कार्रवाई करने वाले बीएमसी तमाशबीन बनी देखती रही।

    101.6 डेसिबल था सभा का शोर

    आवाज फाउंडेशन के अनुसार, साइलेंट जोन में शामिल शिवाजी पार्क में रैली का शोर स्तर 101.6 डेसिबल था, जबकि बांद्रा में एकनाथ शिंदे की बैठक में 88 डेसिबल का शोर का स्तर दर्ज किया गया। उद्धव ठाकरे की सभा में किशोरी पेडणेकर की आवाज सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण रिकॉर्ड की गई। उनके भाषण के दौरान 97 डेसिबल मापा गया। दशहरा सभा के लिए शिवाजी पार्क और बीकेसी में लाउडस्पीकर लगाए गए थे। 

    दर्ज की गई इतनी आवाज

    शिवाजी पार्क में शिवसेना गीत लगाया गया। बीकेसी में विभिन्न कलाकारों को आमंत्रित करके एक आर्केस्ट्रा का आयोजन किया गया था। गाने के साथ ही कई नेता आक्रामक भाषण देने से आवाज में उतार-चढ़ाव आया। शिवसेना की उपनेता सुषमा अंधारे का भाषण अन्य नेताओं से न केवल बेहतर था, बल्कि भाषण के दौरान, वॉल्यूम 70.6 से 93.1 डेसिबल तक दर्ज किया गया। उद्धव ठाकरे की आवाज का स्तर 88.4 डेसिबल था। सांसद धैर्यशील माने का भाषण मात्रा 88.5 डेसिबल दर्ज की गई।

    बैनरों पर कार्रवाई से बच रही बीएमसी

    बीएमसी दशहरा रैली के लिए दोनों गुटों द्वारा पूरे शहर में बैनर और होर्डिंग्स लगाए गए थे। इसके अलावा नवरात्रि में भी नेताओं की तरफ से बैनर लगाए गए हैं। रैली के लिए शिवाजी पार्क और एमएमआरडीए ग्राउंड के पास बैनरों से पाट दिया गया है। इससे पूरे शहर की सुंदरता खराब कर दी गई। शिवसेना के दोनों गुटों द्वारा चौक चौराहों, मुख्य मार्ग और ब्रिजों पर बैनर और होर्डिंग लगाए गए। अवैध रूप से लगाए गए इन बैनरों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी बीएमसी की है। सुप्रीम कोर्ट के मुंबई हाईकोर्ट के आदेश पर बैनर लगाने वाली पार्टियों और नेताओं पर बीएमसी को कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन दूसरा दिन बीतने के बाद भी सभा की जगह पर बैनर अभी वैसे ही लटके पड़े हैं। शहर भर में अवैध बैनर लगाए जा रहे थे, लेकिन बीएमसी आंखें मूंदे रही। बैनर निकालने की कार्रवाई करने की जगह बीएमसी अधिकारी तमाशबीन बन कर देखते रहे।

    शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट)

    • किशोरी पेडणेकर: 97 डेसिबल
    • नितीन देशमुख: 93.5 डेसिबल
    • अंबादास दानवे: 96.6 डेसिबल
    • सुषमा अंधारे: 93.6 डेसिबल
    • भास्कर जाधव: 92.2 डेसिबल
    • उद्धव ठाकरे: 88.4 डेसिबल

    शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट)

    • किरण पावसकर: 88.5 डेसिबल
    • शहाजी पाटील: 82.4 डेसिबल
    • राहुल शेवाले: 78.8 डेसिबल
    • धैर्यशील माने: 88.5 डेसिबल
    • शरद पोक्षे: 82.8 डेसिबल
    • गुलाबराव पाटील: 86 डेसिबल
    • रामदास कदम: 84.2 डेसिबल
    • एकनाथ शिंदे: 89.6 डेसिबल