CM Eknath Shinde

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    मुंबई: मराठी माध्यम से पढ़ने वाले बीएमसी (BMC) के 252 योग्य उम्मीदवारों का आवेदन खारिज किए जाने के मामले को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने सीधे बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल (BMC Commissioner Iqbal Singh Chahal) को फोन का योग्य शिक्षकों की समस्याओं को हल करने का आदेश दिया है।

    कक्षा 10वीं तक मराठी माध्यम से पढ़ने के कारण बीएमसी ने 252 शिक्षकों का आवेदन खारिज कर दिया था। बेरोजगार योग्य मराठी शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। जिसके बाद सीएम शिंदे ने बीएमसी कमिश्नर को फोन कर शिक्षकों की समस्याओं को हल करने का आदेश दिया।

    बीएमसी ने 2019 में विज्ञापन दिया था 

    बेरोजगार शिक्षकों के अनुसार, राज्य सरकार ने 2017 में पवित्र पोर्टल नाम से एक ऑनलाइन शिक्षक भर्ती पोर्टल लॉन्च किया था। इस पोर्टल पर योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को शिक्षक की नियुक्ति की जाती है। पात्र उम्मीदवारों की सूची पवित्र पोर्टल द्वारा विभिन्न जिला परिषदों और महानगरपालिका को भेज दी गई थी। 2019 में, मुंबई महानगरपालिका ने सरकार के पवित्र पोर्टल मुद्दे की सिफारिश पर शिक्षकों की भर्ती के लिए मई 2019 में विज्ञापन दिया था। इस विज्ञापन के अनुसार योग्य उम्मीदवार जो शिक्षक बनना चाहते हैं, उन्होंने बीएमसी में दस्तावेज भी जमा किए, लेकिन दस्तावेजों को भरने के बावजूद, 252 उम्मीदवारों को नौकरी से वंचित होना पड़ा क्योंकि इन योग्य शिक्षकों ने 10वीं तक मराठी भाषा में पढ़ाई की थी।

    CM के हस्तक्षेप के बाद शिक्षकों की उम्मीद बंधी

    बीएमसी स्कूलों में मराठी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से वंचित होना पड़ा। इन शिक्षकों ने लंबे समय तक सरकार के खिलाफ आजाद मैदान में धरना दिया, लेकिन इनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। महाराष्ट्र सरकार की शिफारिश के बाद भी बीएमसी ने 252 शिक्षकों को काम पर नहीं रखा। एक तरफ जहां बीएमसी के सैकड़ों स्कूलों में कम से कम दो हजार शिक्षकों की तत्काल आवश्यकता है। वहीं महानगरपालिका के स्कूलों में ऐसे शिक्षक पढ़ा रहे हैं जो उस भाषा के जानकार नहीं हैं। महाराष्ट्र छात्र संघ के प्रमुख सिद्धार्थ इंगले ने बताया कि ये शिक्षक सभी परीक्षाएं पास करने और योग्यता दस्तावेज पूरे करने के बावजूद नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद शिक्षकों को उम्मीद बंधी है कि उन्हें महानगरपालिका में नौकरी मिल जाएगी।