MUMBAI-COASTAL-ROAD

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    मुंबई: नेपेंसी रोड से बांद्रा तक बनने वाले कोस्टल रोड (Coastal Road) को दहिसर (Dahisar) तक बढ़ा दिया गया है। नेपियन्सी रोड से बांद्रा तक निर्माणाधीन कोस्टल रोड का 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। बांद्रा से वर्सोवा तक बनने वाले कोस्टल रोड का निर्माण राज्य सरकार करेगी, जबकि वर्सोवा से दहिसर तक का निर्माण बीएमसी (BMC) करेगी। इस पर 9,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 

    नेपियन्सी से वर्ली सी लिंक तक के लिए 3,545 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बीएमसी ने कोस्टल रोड पर फोकस किया है, इसके बनने से पश्चिम उपनगरों की यातायात सुविधा और सुगम हो जाएगी।

    मुंबई की सभी सड़कें सीमेंट की बनेगी

    मुंबई की सड़क को सीमेंट कंक्रीट बनाने और सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त करने के लिए बीएमसी ने बजट में 2,825.06 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। मुंबई की कुल 2 हजार किलोमीटर सड़क में से बचे हुए 400 किमी सड़क का सीमेंट कंक्रीट किया जाएगा। इससे अगले दो वर्षों में मुंबई की सभी सड़कों को सीमेंटेड हो जाएंगी। 1,200 किमी सड़क को पहले ही सीमेंटेड कर दिया गया है, जबकि 400 किमी सड़क को सीमेंट कंक्रीट का ठेका के लिए वर्क आर्डर जारी किया गया है।

    पुलों की मरम्मत पर 2,100 करोड़ रुपए

    मुंबई में हिमालय पुल और अंधेरी गोखले पुल दुर्घटना के बाद बीएमसी ने ब्रिजों की मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया है।  खतरनाक हो चुके पुलों की मरम्मत का काम शुरू किया गया। वर्तमान में कुछ पुलों की मरम्मत का काम चल रहा है। कुछ और पुलों का काम शुरू किया जाना है। बीएमसी कमिश्नर ने बजट में पुलों के मरम्मत को लेकर इस वर्ष 2,100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

    बेस्ट बेडे में सीएनसी की 3,500 बसें

    बीएमसी ने बेस्ट 800 करोड़ का अनुदान देगी। बेस्ट के बेडे में इस साल के आखिरी तक कुल 3,347 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसका फायदा मुंबई की जनता को मिलेगा। बेस्ट में अभी 1,800 इलेक्ट्रिक बस चल रही है।  बीएमसी कमिश्नर ने कहा कि परिवहन में मुंबई की जनता को अच्छी सुविधा उपलब्ध करने के लिए मार्च 2024 तक बसों की संख्या को बढ़ाकर सात हजार किया जाएगा। सीएनजी से चलने वाली 3,500 बसें भी खरीदी जाएंगी।

    वर्षा जल निकासी के लिए 2570.65 करोड़ रुपए

    मुंबई में वर्षा जल निकासी के कई कार्य किए जा रहे हैं। मानसून के दौरान इन निकासी चैनलों के माध्यम से पानी को समुद्र में ले जाया जाता है। बचे हुए स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज लाइनों के कार्य को पूरा करने के लिए बीएमसी ने 2,570.65 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।