local train accident
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    मुंबई. कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) शांत हो रही है। इसके बावजूद आम लोगों को मुंबई लोकल ट्रेन (Local Train) में यात्रा की इजाजत दिए जाने का रिस्क सरकार नहीं उठाना चाह रही है। बताया गया है कि तीसरी लहर (Third Wave) की आशंका के चलते मुंबई लोकल में आम लोगों की यात्रा का इंतजार बढ़ रहा है। इस बीच, मुंबई और उपनगरों में अनलॉक (Unlock) के बाद बनावटी आईडी (Fake ID) बना कर यात्रा करने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। 

    पिछली अप्रैल से ही राज्य सरकार ने मुंबई लोकल ट्रेन में सिर्फ अत्यावश्यक कर्मचारियों को ही यात्रा की इजाजत दी है। कोरोना का कहर कम होने पर फिर लोग काम धंधे के लिए बाहर निकलने लगे हैं। इसके चलते मुंबई की ‘लाइफलाइन’ में अवैध यात्री भी बढ़ रहे हैं। 

    रोजाना 65-70 फर्जी आईडी के मामले

    मध्य रेलवे पर फर्जी आईडी या विदाउट टिकट यात्रियों की संख्या बढ़ी है। बताया गया है कि गत 50 दिनों में 3000 से ज्यादा लोग बनावटी आई कार्ड के जरिए मध्य रेल की लोकल में यात्रा करते पकड़े गए हैं। इस तरह रोजाना औसतन 65 से 70 लोग फर्जी आईडी के साथ यात्रा करते पकड़े जा रहे हैं। इन फर्जी आईकार्ड वालो से डीएमए कानून का उलंघन करने की एवज में 15 लाख से ज्यादा की राशि दंड के रूप में वसूल की गई है। इसके अलावा मध्य रेल पर विदाउट या अवैध टिकट यात्रा करने वालों से दंड के रूप में लगभग 8.14 करोड़ की राशि वसूल की गई है। पश्चिम रेलवे पर भी फर्जी आई कार्ड पर यात्रा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो रही। वेस्टर्न में भी लोकल में यात्री अचानक बढ़ गए हैं।

    500 रुपए में बनावटी आईडी!

    बताया गया कि निजी अस्पतालों, सुरक्षा एवं दवा एजेंसियों यहां तक की सरकारी कार्यालयों का नकली आईकार्ड बना कर लोग लोकल में यात्रा कर रहे हैं। ये कार्ड 500 में मिल जाते हैं। बताया गया कि कुर्ला, मानखुर्द, गोवंडी, मीरा रोड, वसई, मुंब्रा, उल्हासनगर और मुंबई में कुछ स्थानों पर 500 रुपए लेकर  नकली आईकार्ड बना दिए जाते हैं।

    लोकल यात्रा बनी मजबुरी

    मुंबई और उपनगरों में कुछ शर्तों के साथ अनलॉक की स्थिति में बड़ी संख्या में लोग काम धंधे के लिए बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में लोकल ट्रेन ही उनके लिए यात्रा का एकमात्र सस्ता और सुलभ विकल्प है। इसलिए बड़ी संख्या में लोग विदाउट टिकट या फर्जी आईडी के सहारे यात्रा करने के लिए मजबूर हो गए हैं। पकड़े जाने पर 500 रुपए तक दंड भर कर छूट जाते हैं। उपनगरों में रहने वाले बड़ी संख्या में आम कामकाजी वर्ग का कहना है कि ऐसे समय में लोकल में अवैध रूप से यात्रा करने के अलावा कोई चारा नहीं है। बड़ी संख्या में लोगों की दुकानें, प्रतिष्ठान आदि कामकाज मुंबई में खुल गए हैं और वे उपनगरों में रहते हैं। इसलिए आम लोगों की निर्भरता लोकल पर ही है।