
मुंबई. कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते अंगदान (Organ Donation) में कमी के बाद अब स्किन डोनेशन (Skin donation) (त्वचा दान) में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. ऐरोली नेशनल बर्न सेंटर स्थित स्किन बैंक (Skin Bank) में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष मात्र 11 प्रतिशत ही स्किन डोनेशन हुआ है. अस्पताल की माने तो कोरोना के कारण त्वचा दान में इतनी गिरावट देखने दर्ज की गई है.
अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 9 महीनों में केंद्र में सिर्फ 22 स्किन डोनेशन हुए है. जबकि गत वर्ष मार्च से नवंबर के दौरान 200 स्किन डोनेशन हुए थे. आग से बुरी तरह झुलसे हुए व्यक्ति की स्किन कई बार इतनी डैमेज हो जाती है कि वह खुद को रिपेयर नहीं कर पाती है, इंफेक्शन और दर्द की समस्या भी हो जाती है. इसमें स्किन ट्रांसप्लांटेशन सर्जरी की मदद से मरीज को पीड़ा से बचाने में मदद मिलती है, लेकिन स्किन की कमी के चलते अस्पताल को मजबूरन मरीजों को वापस भेजना पड़ रहा है.
नेशनल बर्न सेंटर के निदेशक डॉ. सुनील केसवानी ने बताया कि शुरुआत में कोरोना बीमारी को लेकर किसी को कोई जानकारी नहीं थी. इसलिए हमने स्किन हार्वेस्टिंग (मृतक के शरीर के कुछ हिस्सों से त्वचा निकालने की प्रक्रिया) ही बंद कर दी थी. अगस्त में हमने स्किन हार्वेस्टिंग के पहले प्रोटोकाल में बदलाव किया और अब हमने फिर से शुरुआत कर दी है, लेकिन हमें अभी भी इतना अच्छा प्रतिसाद नहीं मिल रहा है.
महीने में 6 से 7 डोनेशन
कोरोना के पहले महीने में 22 स्किन डोनेशन हो जाते थे, लेकिन जब से कोरोना आया है महीने भर में मात्र 5 से 7 की संख्या में डोनेशन हो रहे है.
मान्यता और सच्चाई
लोगों को लगता की मरने के बाद डोनर के पूरे शरीर का स्किन निकाला जाता है जो कि सच नहीं है. डोनर के केवल पीठ, जांघ और पैर की स्किन निकाली जाती है. स्किन निकालने के बाद शरीर से खून निकल ने वाली बात भी गलत है मौत के बाद इंसान का खून क्लॉट हो जाता है और न ही कोई अंदरूनी अंग दिखता है. स्किन को पूरी तरह निकाला जाता है.
हमने अपने प्रोटोकॉल में बदलाव कर दिया है. अब हम डोनर (मृतक) के परिजन से फ़ोन पर ही हिस्ट्री लेते है. हिस्ट्री में हम कोविड पॉजिटिव है या नहीं? हाई रिस्क के संपर्क में आया था या नहीं? किसी प्रकार की कोई बीमारी या कोविड लक्षण तो नहीं इसकी जानकारी लेते है. यदि हिस्ट्री से हम संतुष्ट होते है तो फिर हम डोनर की स्वैब टेस्टिंग भी करते है और रिजल्ट निगेटिव आने के बाद ही स्किन हार्वेस्टिंग की प्रक्रिया की ओर बढ़ते है.
- डॉ. सुनील केसवानी, निदेशक, नेशनल बर्न सेंटर