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    मुंबई: भाजपा नेता एवं पूर्व सांसद किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ (Minister Hassan Mushrif) एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जहां एक तरफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) सहित तमाम लोग घर में बैठे थे, वहीं दूसरी तरफ सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार (Corruption) चल रहा था। सोमैया ने कहा कि शत-प्रतिशत मंत्रालय बंद होने के बावजूद शरद पवार के शिष्य 15,000 करोड़ रुपए लूट रहे थे। 

     भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार परिषद में सोमैया ने कहा कि हसन मुश्रीफ के दामाद मतीन मंगोली की जयोस्तुते मैनजमेंट कंपनी को दिया गया 1,500 करोड़ रुपये का ठेका आखिरकार रद्द कर दिया गया है। सोमैया ने बताया कि  27,000 ग्राम पंचायतों के टीडीएस रिटर्न का भुगतान करने के लिए 10 वर्षों के लिए अनुबंध दिया गया था। कंपनी को मुश्रीफ के दामाद मतीन ने आठ महीने पहले खरीदा था। कंपनी ने पिछले 8 वर्षों में एक भी रुपया का टर्न ओवर नहीं किया है। कंपनी की जांच पड़ताल करने के बाद अब ठाकरे सरकार ने ठेका रद्द कर दिया है। इसकी शिकायत करने के लिए मुझे रास्ते में ही रोक दिया गया था। 

    अनिल परभान पर भी साधा निशाना

     

    सोमैया ने मुश्रीफ  के साथ ही  शिवसेना नेता और परिवहन मंत्री अनिल परब पर भी निशाना साधा है। उन्होंने बताया कि अनिल परब को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने पेश होने का आदेश दिया गया है।

    संजय राउत को चुनौती

    सोमैया ने पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम में कथित घोटाले के संबंध में संजय राउत की तरफ से लिखे गए एक पत्र का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आपको जांच पड़ताल करने का अधिकार है। क्या मुख्यमंत्री पूछताछ नहीं कर सकते? जांच करें कि घोटाला कहां हुआ, कार्रवाई करें, आपको कौन रोक रहा है? अगर ईओडब्ल्यू की बात है तो पूछने दीजिए।