craft market mumbai
प्रतीकात्मक तस्वीर

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    मुंबई. मुंबई के ‘क्राफर्ड मार्केट’ फलमंडी का ‘पुनर्निर्माण’ के लिए फल व्यापारियों को 22 जून तक हर हाल में बीएमसी (BMC) द्वारा तैयार ‘ट्रांजिट कैंप’ (Transit Camp) में अस्थाई रूप से आवंटित किए गए ‘ब्लाक’ में जाने के लिए कहा गया था। जिस पर व्यापारियों का कहना है कि बीएमसी कानून को ताक पर रख अपनी मनमानी कर रही है। 

    बीएमसी के फरमान से आहत ‘क्राफर्ड मार्केट फल वाला एसोसिएशन’ के वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारका सैनानी, मुहम्मद इकबाल कुरैशी, फरदीन उमर दीन कुरैशी का कहना है कि ‘बीएमसी’ के द्वारा नियम कानूनों के दायरे में रह कर कुछ भी नहीं किया जा रहा है। बाजार नवनिर्माण बगैर किसी नक्शे का  करना किस कानून के दायरे में आता है, यह समझ से परे है। 

    फल विक्रेताओं के अधिकार का हनन

    फल विक्रेताओं के अधिकार का हनन किया जा रहा है, हमें बीएमसी के कार्यों में पारदर्शिता का अभाव दिख रहा है। वर्ष 1996 में हम सभी व्यापारियों को 8,8 स्क्वायर फीट का क्षेत्र फल व करीब 30 फिट ऊंचाई की दुकान एक, एक व्यापारियों को जारी किया गया। जिस क्षेत्र फल में हम सभी व्यापार कर रहे हैं। ट्रांजिट कैंप में असुक्षा का माहौल है। वहां हमारे व्यापार के योग्य जगह आवंटित नहीं किए गए हैं। 4 बाय 4 स्क्वायर फीट का ब्लाक व सात फिट ऊंची स्पेस हमें आवंटित की गई है, जो फल व्यवसाय के लिए नाकाफी है। 

    सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे ही छोड़ दी गई

    आज 23 जून तक ट्रांजिट कैंप का स्ट्रक्चर तो खड़ा कर दिया गया है, परंतु ट्रांजिट कैंप की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे ही छोड़ दी गई है। कैंप आम रास्ते में बनाया गया है और सुरक्षा के नाम पर एक भी गेट नहीं है। जिस से अपनी सुरक्षा के मद्देनजर ताले लगा सकें। न पानी की व्यवस्था है और ना ही शौचालय है। आखिर कैसे जाएं ट्रांजिट कैंप।