Chikungunya

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    मुंबई. एक तरफ बीएमसी (BMC) कोरोना (Corona) की तीसरी लहर (Third Wave) का सामना करने की तैयारी कर रही है, और दूसरी तरफ मानसूनी बीमारियों भी तेजी से अपना पैर पसार रही हैं। कोरोना से निपटने के साथ ही बीएमसी का मानसूनी बीमारियों पर काबू पाना मनपा के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। 21 सितंबर को जारी डाटा के अनुसार सितंबर महीने में डेंगू (Dengue) के 144 मरीजों का पता चला है, जिसमें सबसे ज्यादा मरीज सैंडहर्स्ट रोड, वर्ली, प्रभादेवी, दादर और माहिम में पाए गए हैं। इसी प्रकार मलेरिया (Malaria) के 848 लेप्टोस्पायरोसिस के 37,  गैस्ट्रोएंटेराइटिस के 300 मामले, पीलिया के 35 एच1एन1 फ्लू के 18 मरीज पाए गए हैं। खासकर गैस्ट्रो के मरीजों में तेजी से हो रही वृद्धि से मुंबई में मानसूनी बीमारियों का संकट बरकरार है।

    बीएमसी ने कोरोना को पहली और दूसरी लहर को काबू करने में सफलता मिली है। वहीं बारिश के मौसम की रोकथाम अब बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। जुलाई से डेंग्यू और मलेरिया सहित बरसात की बीमारियां बढ़ रही हैं। 

    बढ़ रही हैं बरसाती बीमारियां

    1 जनवरी से 21 सितंबर तक मानसूनी बीमारी के आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई में संक्रामक रोगों का संकट गहराता जा रहा है। इस बीच, मलेरिया के लिए 4,46,077 घरों की तलाशी ली गई और 4,108 स्थानों पर डेंगू के लार्वा और मच्छरों के प्रजनन के स्थान को नष्ट किया गया। बीएमसी स्वास्थ्य अधिकारी मंगला गोमरे ने यह जानकारी दी।

    1 जनवरी से 21 सितंबर तक के आंकड़े

    • मलेरिया – 3,606
    • लेप्टोस्पायरोसिस – 151
    • डेंगू – 305
    • गैस्ट्रो – 1964
    • हेपेटाइटिस – 179
    • एच1एन1-52