मुंबई: महाविकास आघाड़ी (Mahavikas Aghadi) की तरफ से शनिवार को मुंबई में राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) के खिलाफ मोर्चा निकाला गया था। जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित आघाड़ी के सभी बड़े नेता शामिल हुए थे। मोर्चे की भीड़ को लेकर बीजेपी की तरफ से टिप्पणी भी की गयी थी। अब बीजेपी ने एक वीडियो (Video) ट्वीट कर आरोप लगाया है कि भीड़ जुटाने के लिए पैसे दिए गए थे। हालांकि विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए वीडियो की जांच कराने की मांग सरकार से की है।
बीजेपी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता केशव उपाध्ये (Keshav Upadhye) ने पैसे बांटने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। दावा किया गया है कि यह वीडियो मुंबई पत्रकार संघ के पास स्थित कांग्रेस कार्यालय के पास मोर्चा शुरु होने के समय का है। उपाध्ये ने यह भी कहा है कि मोर्चे में बहुत कम लोग इकट्ठा हो पाए थे।
मुंबईतील पत्रकार संघाच्या जवळ असलेल्या कॅाग्रेस कार्यालयाजवळ आज मोर्चा सुरू असतानाचे दृश्य
आज मविआ मोर्चात थोडीफार लोक जमली ती सुध्दा अशा पध्दतीने…. pic.twitter.com/I7XvM6Wf0B— Keshav Upadhye (@keshavupadhye) December 17, 2022
बदनाम करने की आवश्यकता नहीं: अजित पवार
भाजपा के आरोप के बाद विधान सभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि हमारी जानकारी के मुताबिक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। मैं शुरु से आखिर तक मोर्चे में था। मोर्चा समाप्त होने के बाद कुछ देर वहां लोगों के साथ बातचीत भी की। पैसे लेकर आते हुए लोग मुझे दिखाई नहीं दिए। बे-वजह बदनाम करने की आवश्यकता नहीं है।
छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू महाराज, सावित्रीबाई फुले, भाऊराव पाटिल इन सभी महापुरुषों और महिलाओं के संदर्भ में जिस तरह अभद्र टिप्पणी की जा रही है उसको लेकर महामोर्चा में शामिल होने के लिए नागरिकों से अपील हमने दो दिन पहले ही देवगिरी बंगला पर आयोजित पत्रकार परिषद में थी। जिसकी वजह से लोग महामोर्चा में शामिल हुए।
-अजित पवार, विरोधी पक्ष नेता, महाराष्ट्र विधानसभा