Sanjay Gandhi National Park

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    मुंबई : बोरीवली (Borivali) स्थित संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (Sanjay Gandhi National Park) के 4 किलोमीटर क्षेत्र का डिजिटल मैपिंग (Digital Mapping) कर उसका नक्शा तैयार किया जाएगा। यह 4 किमी क्षेत्र पर्यावरण (Environment) के लिए बहुत संवेदनशील (Sensitive) है। इसलिए गोरेगांव (Goregaon) के आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड को लेकर चल रहे विवाद पर हमेशा के लिए पूर्णविराम लग जाएगा। बृहन्मुंबई नगर निगम (Brihanmumbai Municipal Corporation) संवेदनशील क्षेत्र का जोनल मास्टर प्लान तैयार करने वाली है।

    केंद्र सरकार ने 2016 में एक अधिसूचना जारी कर राष्ट्रीय उद्यान के चारों ओर चार किलोमीटर तक के क्षेत्र को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील घोषित किया है। अधिसूचना के अनुसार इस परिसर का क्षेत्रीय योजना तैयार किया जाना चाहिए। राज्य सरकार ने 2021 में  बीएमसी कमिश्नर को संरक्षित क्षेत्र का नियंत्रण प्रमुख बनाया है। जिसके बाद बृहन्मुंबई नगर निगम ने इस क्षेत्र का डिजिटल मैपिंग करने का निर्णय लिया है। संवेदनशील क्षेत्र का डिजिटल सीमांकन करने के साथ इसका हवाई फोटोग्राफी भी किया जाएगा।

    मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव

    इस मास्टर प्लान को तैयार करने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम ने एक निजी सलाहकार नियुक्त करने का निर्णय लिया है। बृहन्मुंबई नगर निगम सलाहकार पर 3 करोड़ 46 लाख रुपये खर्च करेगी। ठेका मिलने के बाद 24 महीने के भीतर योजना को पूरा करना है। बृहन्मुंबई नगर निगम की स्थायी समिति में मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव लाया गया है।

    कारशेड पर पूर्ण विराम लगने की संभावना

    मेट्रो 3 के लिए भाजपा सरकार के दौरान आरे कॉलोनी में एक कारशेड प्रस्तावित किया गया था। लेकिन महाविकास अघाड़ी सरकार बनने  के बाद कारशेड को रद्द कर दिया गया था। फिलहाल अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। राष्ट्रीय उद्यान के संवेदनशील 4 किमी क्षेत्र का मैपिंग किया जाने वाला है, इसलिए कारशेड पर पूर्णविराम लगने की संभावना है।

    ऐसी रहेगी रूपरेखा

    योजना तैयार करते समय मौजूदा भूमि का उपयोग, जैव विविधता, स्थलाकृति, पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील और विकास योजनाओं का सीमांकन किया जाएगा। जल को पुनर्सचित करने, मौजूदा जल का संरक्षण, वाटरशेड प्रबंधन और स्थानीय नागरिकों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

    मौजूदा भूमि उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं

    क्षेत्र में बड़ी संख्या में शहरी बस्तियां है। इस योजना से उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पर्यावरण के उद्देश्य से इस योजना को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। इससे मौजूदा भूमि उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।