Nitin raut
नितिन राउत (फाइल फोटो)

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    मुंबई: महाराष्ट्र कांग्रेस (Maharashtra Congress) के अंदर एक बार फिर कलह की खबर सामने आ रही है। गुरुवार को मुंबई में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी एच.के. पाटिल (H.K. Patil) की अध्यक्षता में बांद्रा (‍Bandra) के एमसीए क्लब (MCA Club) में कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, कैबिनेट मंत्री बालासाहेब थोरात, अशोक चव्हाण, पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे और पृथ्वीराज चव्हाण समेत कई अन्य नेता शामिल हुए।

    हालांकि इस बैठक में पार्टी के प्रमुख दलित नेता और कैबिनेट मंत्री नितिन राउत (Nitin Raut) को न बुलाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक़, राउत, प्रदेश प्रभारी पाटिल से मिलने के लिए तो पहुंचे, लेकिन मीटिंग में भाग लिया बिना वहां से निकल गए।

    राउत की नाराजगी की कोई वजह नहीं

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि मीटिंग को लेकर कैबिनेट मंत्री नितिन राउत के नाराज होने की कोई वजह नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बैठक पिछले चुनाव परिणामों की समीक्षा के अलावा आगामी चुनावों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। पटोले ने कहा कि राउत के बैठक में शामिल होने की उम्मीद नहीं थी।

    ख़ास नेताओं को दिया गया मीटिंग का आमंत्रण

    प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि इस मीटिंग के लिए सिर्फ वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक दल के नेता को आमंत्रित किया गया था। इस वजह से नितिन राउत ने मीटिंग में भाग नहीं लिया। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि कांग्रेस में किसी मनमुटाव की वजह से राउत को आमंत्रित नहीं किया गया था।

    पटोले और राउत के बीच दीवार

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और कैबिनेट मंत्री नितिन राउत कहने को तो साथ-साथ हैं, लेकिन उनके बीच एक दीवार भी है। सूत्रों के मुताबिक़, पिछले कई महीनों से इन दोनों नेताओं के बीच विवाद चल रहा है। यह विवाद तब और गहरा गया था, जब पटोले ने सीएम उद्धव ठाकरे को राउत के साथी के खिलाफ एक शिकायती पत्र लिखा था। इस पत्र में पटोले ने नागपुर खनिज विकास महामंडल के टेंडर में नियमों के पालन न करने का आरोप लगाया था। उन्होंने निविदा प्रक्रिया में अनियमितताओं के लिए राज्य की बिजली उत्पादन कंपनी महाजेंको को घसीटा था।  इस पत्र में मुख्यमंत्री ठाकरे और उद्योग मंत्री सुभाष देसाई से रुखमाई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट को दिए कार्य के आदेश को स्थगित करने का अनुरोध किया गया था। उसके बाद से पटोले व राउत के रिश्तों में दरार आ गई थी। चर्चा इस बात की भी है कि पटोले की नजर राउत के ऊर्जा विभाग पर भी है। पटोले, पिछले कई महीनों से कैबिनेट मंत्री बनने का जुगाड़ लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक इसमें वह कामयाब नहीं हुए हैं।