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    मुंबई: पीजी नीट काउंसलिंग में हो रही देरी को लेकर निवासी डॉक्टरों ने राज्य में हड़ताल (Doctors Strike) शुरू कर दी है। इस हड़ताल के कारण मुंबई (Mumbai) में ही लगभग 100 नॉन इमरजेंसी सर्जरी पोस्टपोन (Surgeries Postponed) हुई है। इसके अलावा वार्ड में भी भर्ती मरीजों की देख रेख़ के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों जाना पड़ा। यदि डॉक्टरों की हड़ताल खत्म नहीं होती है तो आने वाले दिनों में मरीजों (Patients) को और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

    मुंबई में गुरुवार की दोपहर से ही निवासी डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी। केवल इमरजेंसी में 2 डॉक्टर मोर्चा संभाल रहे थे केईएम अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड 4 ए में मौजूद कुछ निवासी डॉक्टर मरीजों का उपचार कर रहे थे, लेकिन जिन मरीजों को एडमिशन की जरूरत थी उन्हे पहले ही यह कहा जा रहा था कि मरीजों को भर्ती तो कर लेंगे, लेकिन डॉक्टरों की स्ट्राइक के कारण वार्ड में उनका उपचार करने वाला कोई नहीं होगा क्योंकि डॉक्टर हड़ताल पर हैं। बीएमसी और सरकार के अधीन आनेवाले अन्य अस्पतालों का भी यही हाल रहा। 

    परेशान हुए मरीज और परिजन

    मरीज और उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यदि यह स्ट्राइक लंबी चलती है तो गरीब मरीजों को आनेवाले दिनों में और परेशानियां होंगी। सायन अस्पताल के डीन डॉ. मोहन जोशी ने बताया कि अस्पताल में करीब 25 से 30 नॉन इमरजेंसी सर्जरी को पोस्टपोन किया गया, ओपीडी में वरिष्ठ डॉक्टरों जैसे विभागप्रमुख, प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर, लेक्चरर ने मरीजों को देखा। स्ट्राइक होने से बेशक कुछ सेवाएं प्रभावित होंगी, लेकिन इससे पहले भी इन परिस्थितियों में काम किया गया है और आगे भी चलता रहेगा।

    नीट पीजी काउंसलिंग न होने के कारण डॉक्टरों की कमी से अस्पताल जूझ रहे हैं। हमें भी हड़ताल पर जा खुश नहीं है, मरीजों को दिक्कत न हो इसलिए इमरजेंसी सर्विस चालू है। फिलहाल हम स्ट्राइक वापस नहीं ले रहे हैं। सरकार की ओर से भी कोई संपर्क हमसे नहीं साधा गया है।

    -डॉ. अविनाश दहीफाले, अध्यक्ष, महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स (मार्ड)