मुंबई: देशभर में नीट काउंसलिंग (NEET Counseling) में हो रहे विलंब को लेकर महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स (मार्ड) ने एक दिवसीय हड़ताल (Doctors Strike) किया। सोमवार को मुंबई सहित पूरे राज्य के सरकारी और महानगरपालिका मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की ओपीडी (OPD) से नदारद रहे। हालांकि कुछ अस्पतालों में सीनियर डॉक्टर्स ने मोर्चा संभाला, लेकिन इस बंद का असर मरीजों पर कुछ हद्द तक देखने को मिला।
नीट पीजी-2021 काउंसलिंग आयोजित करने में बार-बार हो रही देरी के खिलाफ देश के डॉक्टरों के तमाम संगठनों ने हड़ताल का ऐलान किया है। दरअसल सर्वोच्च न्यायालय में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण को लेकर सुनवाई जारी है। ऐसे में काउंसलिंग की तिथि पोस्टपोन होती जा रही है। मार्ड ने भी इस मुहिम को अपना समर्थन देते हुए एक दिवसीय हड़ताल किया। राज्य में 5000 निवासी डॉक्टर हैं।
नॉन इमरजेंसी ऑपेरशन भी स्थगित किए गए
मार्ड के अध्यक्ष डॉ. दयानेश्वर धोबाले पाटिल ने बताया कि काउंसिलिंग में हो रही देरी के कारण रेसिडेंट डॉक्टरों की प्लेसमेंट नहीं हो पा रही है, निवासी डॉक्टरों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। इसलिए हमने ओपीडी में काम नहीं करने का निर्णय लिया। हालांकि इमरजेंसी केस और अस्पताल में भर्ती मरीज का उपचार किया गया। सोमवार होने के नाते काफी मरीज ओपीडी में दिखे, लेकिन डॉक्टरों की संख्या बल कम होने के कारण कइयों को वापस लौटना पड़ा। इसके अलावा कुछ नॉन इमरजेंसी ऑपेरशन भी स्थगित किए गए।
सरकार करेगी केंद्र से बात
पर्यावरण और मुंबई उपनगर के पालक मंत्री आदित्य ठाकरे ने सोमवार को मार्ड के प्रतिनिधित्व कर रहे डॉक्टरों के संग चर्चा की। उन्होंने डॉक्टरों को कोविड महामारी को देखते हुए हड़ताल वापस लेने के लिए कहा। आदित्य ठाकरे ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का निवारण भी किया जाएगा और केंद्र से भी बातचीत की जाएगी, जिसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने की बात उन्हें कही।