Western Express Highway

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    मुंबई: मुंबई (Mumbai) में भारी ट्रैफिक वाले वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे (Western Express Highway) और इस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे (Eastern Express Highway) की देखभाल अब बीएमसी (BMC) और टीएमसी (TMC) के जिम्मे होगी। दोनों व्यस्त एक्सप्रेस-वे को एमएमआरडीए से ट्रांसफर किए जाने के लिए राज्य सरकार ने एनओसी (NOC) प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि मानसून के दौरान इन दोनों एक्सप्रेस हाइवे पर गड्ढों की समस्या से भारी परेशानी होती है। इनके नियमित रखरखाव की जिम्मेदारी बीएमसी को देने का आग्रह किया गया था।

    बॉम्बे हाईकोर्ट में मुंबई की सड़कों के नियमित रखरखाव के लिए एक याचिका पर राज्य सरकार के उप सचिव विजय चौधरी ने कहा कि एमएमआरडीए द्वारा बीएमसी और टीएमसी को इन दोनों एक्सप्रेस हाइवे और फ्लाईओवरों को सौंपने और रखरखाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एनओसी दी गई है।

    माहिम से दहिसर वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे

    माहिम से दहिसर चेक नाका तक वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे इस 25.23 किलोमीटर और सायन से मुलुंड चेक नाका के बीच 18.75 किलोमीटर के ईईएच के हिस्से का रखरखाव बीएमसी करेगी। ईईएच का शेष 4.8 किलोमीटर मुलुंड चेक नाका से ठाणे के गोल्डन डाइस जंक्शन तक टीएमसी को सौंप दिया जाएगा।

    कांक्रीटीकरण का प्लान

    इस साल की शुरुआत में एमएमआरडीए ने डब्ल्यूईएच और ईईएच दोनों के सुधार के लिए 880 करोड़ और 470 करोड़ रुपए की लागत से कंक्रीटीकरण का प्लान बनाया था। इसके लिए निविदा भी जारी की गई थी, हालांकि बाद में निविदाएं रद्द कर दी गईं।

    एमएमआरडीए के 1,350 करोड़ रुपए बचेंगे

    अब राज्य ने अपनी एनओसी जारी कर दी है, रोड और पुलों के रखरखाव को सौंपने की आधिकारिक प्रक्रिया बाकी है। इसके साथ अब इन दोनों मार्ग और ब्रिज पर विज्ञापन का अधिकार बीएमसी को होगा। इस्टर्न-वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे बीएमसी-टीएमसी को ट्रांसफर होने से एमएमआरडीए के लगभग 1,350 करोड़ रुपए बचेंगे।