खा लो आम, गुठलियों को करो दान

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    मुंबई. चारकोप इलाके (Charkop Area) में रहने वाले शुभजीत मुखर्जी (Shubhajit Mukherjee) के घर करीब 100 पार्सल (Parcel) दिन भर में आते हैं। इन पार्सल में आम की गुठलियां भरी होती हैं। लोग भारी संख्या में आम की गुठलियां दान कर रहे हैं। इसका उद्देश्य मुंबई में तौकते तूफान से हुई पेड़ों की तबाही को पूरा करने व मुंबई शहर (Mumbai City) में आम के पेड़ (Mango Tree) लगाना है।

    मुंबई के एक एनजीओ ने लाखों आम के पेड़ तैयार करने का संकल्प लिया है। इसके लिए वह लोगों से आम खाने के बाद बची गुठलियों को फेंकने के बजाय उसे एनजीओ को दान करने की अपील की थी। इसका उद्देश्य मुंबई शहर में पेड़ों की लगातार घटती संख्या व लाखों आम के पेड़ों को उगाना है। मिशन ग्रीन मुंबई और ट्री एम्बुलेंस फाउंडेशन ने ये निर्णय तब लिया जब तौकते तूफान की वजह से हजारों पेड़ शहर में गिर गए और पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ।

    लोगों का मिल रहा प्रतिसाद

    मुंबई के चारकोप इलाके के रहने वाले शुभजीत मुखर्जी के घर में दिन भर में करीब 100 से ज्यादा पार्सल आते हैं जिनमें आम की गुठलियां भरी होती हैं। देश के कोने-कोने से लोग उनके इस अभियान में शामिल हो रहे हैं और आम की गुठलियों को मुंबई में उनके पास भेज रहे हैं। शुभजीत का कहना हैं कि आम की गुठलियों को साफ करके और सूखाकर भेजना लोगों के लिए बड़ी बात है, लेकिन लोग उनके काम में सहयोग कर रहे हैं और हजारों गुठलियां उनके पास आ चुकी हैं।

    पर्यावरण को लेकर लोग जागरुक 

    शुभजीत का यह मिशन मुंबई महानगरपालिका, वन विभाग और एग्रीकल्चर के कॉलेजों के साथ मिलकर चलाया जा रहा है। देश के कई बड़े-बड़े शहरों में नर्सरियां इससे जुड़ी हुई हैं जो उनके मिशन को आगे बढ़ाने और आम के पेड़ तैयार करने में लगी हैं। शुभजीत की मानें तो आम की गुठलियों से तैयार किए जाने वाले पेड़ों को ग्राफ्ट टेक्निक के जरिए ऐसे तैयार किए जाएंगे जो छोटे होंगे, लेकिन फल उनमें ज्यादा आएंगे। देश के कई जिलों जैसे मुरबाड़, ठाणे, वर्धमान, इलाहाबाद, मेरठ, हैदराबाद और औरंगाबाद जैसे शहरों में मौजूद नर्सरी इन गुठलियों से पेड़ तैयार करने का काम कर रही हैं। इस अभियान से लगता है कि पर्यावरण को लेकर लोग काफी जागरुक हैं।