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    मुंबई : नए वित्त वर्ष में बिजली (Electricity) की कीमतों में बढ़ोतरी (Hike) का झटका आम नागरिकों को लगने की संभावना है क्योंकि आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए ‘महावितरण’ (Mahavitaran) कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) पर आर्थिक बोझ डालने का फैसला किया है। इसके अनुसार, महावितरण कंपनी ने आगामी बिजली टैरिफ समीक्षा में 37 प्रतिशत की टैरिफ वृद्धि के लिए महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (एमईआरसी) को एक प्रस्ताव भेजा है। 

    इसलिए अगले दो वर्षों के लिए औसत मूल्य वृद्धि 37 प्रतिशत प्रस्तावित है। इस प्रस्ताव से घरेलू, पेशेवर, किसान सभी श्रेणियों को कीमतों में बढ़ोतरी का झटका लगने की संभावना है। गौरतलब है कि महावितरण (MSEDCL) महाराष्ट्र सरकार की विद्युत वितरण कंपनी है जो मुंबई शहर और उसके कुछ उपनगरों को छोड़कर राज्य के बड़े हिस्से में विद्युत वितरण का काम करती है। इससे पहले बेस्ट, अडानी और टाटा पावर ने भी ग्राहकों से टैरिफ में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा है। हालांकि, महावितरण ने केवल बिजली दरों में वृद्धि का अभी प्रस्ताव दिया है और इससे राज्य सरकार का इस दर वृद्धि से कोई लेना-देना नहीं है। अंतिम निर्णय विद्युत नियामक आयोग को लेना है। 

    घरेलू ग्राहकों की चिंता बढ़ी

    ‘महावितरण’ ने कीमतों में भारी बढ़ोतरी का जो प्रस्ताव रखा है उसके अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम टैरिफ 1 अप्रैल से प्रभावी मौजूदा न्यूनतम दर 3.36 रुपये प्रति यूनिट से बढ़कर 4.50 रुपये प्रति यूनिट हो सकती है। जबकि मौजूदा अधिकतम दर 11.86 रुपये प्रति यूनिट से 16.60 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित है। इन दोनों श्रेणियों में वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत दर क्रमशः 5.10 रुपये से 18.70 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित है। इससे घरेलू ग्राहकों की चिंता बढ़ गई है। याद रहे कि महावितरण कंपनियों के उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें पांच साल के लिए होती हैं और फिर इन दरों की मध्यावधि समीक्षा की जाती है। वर्तमान दरें 1 अप्रैल 2020 से लागू हैं और वे फिलहाल मध्यावधि समीक्षा के दौर से गुजर रहे हैं। इसलिए यदि विद्युत नियामक आयोग इस प्रस्ताव को हरी झंडी देता है, तो नए टैरिफ इस साल 1 अप्रैल से लागू हो सकते हैं।