
मुंबई: राज्य में पिछले एक पखवाड़े से बढ़ रही गर्मी और उमस की वजह से बिजली (Electricity) की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। मुंबई (Mumbai) को छोड़ राज्य के अन्य हिस्से में महावितरण (Mahavitaran) की तरफ से फिलहाल 24 हजार मेगावाट से अधिक बिजली की आपूर्ति (Power Supply) की जा रही है, लेकिन यह मांग 25 हजार मेगावाट तक बढ़ने की उम्मीद है।
कोयले (Cool) की कमी की वजह से बिजली का उत्पादन कम हो रहा है। मांग बढ़ने की वजह से सभी क्षेत्रों में पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराना महावितरण के लिए मुश्किल बनता जा रहा है। बढ़ती मांग की वजह से लोड शेडिंग की भी आशंका व्यक्त की जा रही है।
बिजली की मांग ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिया
राज्य के इतिहास में पहली बार बिजली की मांग 28,000 मेगावाट की सीमा को पार कर गई है। इसमें महावितरण के अधिकार क्षेत्र में बिजली की मांग ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले साल इसी कालावधि में बिजली की अधिकतम मांग 20,800 मेगावाट थी। इस साल बिजली की मांग में 3600 मेगावाट की वृद्धि हुई है और इसके और बढ़ने की संभावना है। महावितरण ने मुंबई को छोड़कर राज्य के अन्य इलाकों में 24 मार्च को 24,400 मेगावाट, 25 मार्च को 24 हजार 65 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की। महावितरण की तरफ से दावा किया गया है कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में मांग के अनुसार, महाराष्ट्र में सबसे अधिक बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
कोयले की हो रही कमी
पिछले साल अक्टूबर में भी कोयले की कमी के कारण बिजली की उपलब्धता में कमी आई थी, लेकिन उस समय बिजली की मांग ज्यादा नहीं बढ़ी थी। मौजूदा समय में कोयले की कमी के कारण थर्मल परियोजनाओं से बिजली का उत्पादन 2000-3000 मेगावाट तक कम कर दिया गया है, जबकि बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। जिसकी वजह से अधिक बिजली खरीदी जा रही है।