Uddhav Thackeray ,Devendra Fadnavis
उद्धव ठाकरे देवेन्द्र फड़णवीस (फाइल फोटो)

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    नई दिल्ली/मुंबई. जहां एक तरफ BJP द्वारा महाराष्ट् के महापुरुषों का बार-बार हो रहे कथित अपमान का कारण बताकर इसके विरोध में आज यानी 17 दिसंबर, शनिवार को महाविकास आघाड़ी (MVA) की ओर से मुंबई में महामोर्चा (विरोध मार्च) का आयोजन किया गया। वहीँ अब इस इस मोर्चे को राज्य के उपमुख्यमंत्री और BJP नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने बुरी तरह से फ्लॉप करार दिया।

    फडणवीस: यह एक ‘नैनो मोर्चा’ था

    इसके साथ ही उन्होंने आज कहा कि आज का मोर्चा सिर्फ एक राजनीतिक मोर्चा ही था। ऊणःण आगे MVA पर तंज कसते हुए कहा कि, जो लोग देवी देवताओं को गालियां देते हैं, संतों पर अपमानजनक बयान देते हैं। जिन्हें यह भी नहीं पता कि महापुरुषों का जन्म कहां हुआ है, ऐसे लोगों द्वारा आयोजित किए गए मोर्चे को तो बुरी तरह से फ्लॉप होना ही था। यह सिर्फ एक तरह का ‘नैनो मोर्चा’ था।

    उद्धव बदलें अपना स्क्रिप्ट राइटर 

    वहीं DCM फडणवीस ने आगे कहा कि, “यही कांग्रेस के राहुल गांधी जब वीर सावरकर का अपमान कर रहे थे, तब महामोर्चा निकालने की बात इन्हें नहीं सूझी? छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ.आंबेडकर हमारे आदर्श पहले भी थे और वे आज भी हैं। हम अपने महापुरुषों के सम्मान के लिए पूरी तरह सचेत और एक्टिव हैं।” 

    इधर शिवसेना के ठाकरे गुट द्वारा यह कहे जाने पर कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश रची जा रही है, इस पर देवेंद्र फडणवीस ने एकस्वर में कहा कि, ” लगता है कि, उद्धव ठाकरे का कैसेट अब एक ही जगह अटक गया है, उनके स्क्रिप्ट राइटर के बदलने का भी टाइम आ गया है। देश एक संविधान से चलता है। मुंबई को कोई अलग नहीं कर सकता है। MVA द्वारा बेकार में ही लोगों को कंफ्यूज किया जा रहा है।”

    MVA का संयुक्त शक्ति प्रदर्शन

    जानकारी दें कि, MVA द्वारा मुंबई के भायखला से आज सुबह 11 बजे CSMT के टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग तक एक मार्च निकाला गया। इस मोर्चे में MVA के सभी घटक दल- NCP, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के शामिल होने के साथ ही इसमें समाजवादी पार्टी, शेतकरी कामगार पार्टी, CPI, CPIM, RPI (दीपक निकालजे), RPI (खरात) जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के नेता-कार्यकर्ता भी शामिल हुए। वहीँ इस महामोर्चा को ख़ास तौर पर आज की खास शिंदे-फडणवीस सरकार बनने के बाद पहली बार महा विकास आघाड़ी का यह संयुक्त शक्ति प्रदर्शन बताया गया।