
मुंबई. कांदिवली पुलिस स्टेशन ने फर्जी वैक्सीन (Fake Vaccine) मामले को सुलझाने में सफलता हासिल की है। उक्त फर्जी वैक्सीनेशन का ड्राइव कांदिवली पश्चिम (Kandivali West) के हीरानंदानी कॉम्प्लेक्स (Hiranandani Complex) में 30 मई को किया गया था। वहां के रहिवासियों ने वैक्सीनेशन ड्राइव पर शक होने के बाद कांदिवली पुलिस स्टेशन (Kandivali Police Station) में 10 दिन बाद शिकायत की थी। मामले की जांच में जुटी कांदिवली पुलिस ने 17 जून को 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। 2 आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।
उत्तर प्रादेशिक विभाग के अपर पुलिस आयुक्त दिलीप सावंत ने बताया कि 30 मई को हीरानंदानी सोसाइटी में कुछ लोगों द्वारा वैक्सीन ड्राइव के नाम पर सोसाइटी के 390 लोगों को वैक्सीन लगाया था। उसके लिए उन लोगों से प्रति व्यक्ति 1260 रुपए लिए थे। वैक्सीनेशन ड्राइव का मास्टरमाइंड महेंद्र सिंह उर्फ प्रदीप सिंह ने उन लोगों को भरोसा दिलाया था कि उन्हें कोकिला बेन हॉस्पिटल के माध्यम से वैक्सीन लगाया जाएगा।
बीएमसी से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई
सोसायटी के लोग तब हैरान रह गए जब 10 दिन बाद वैक्सीन लगाने का सर्टिफिकेट उन्हें कोकिला बेन होस्पिटल की जगह अलग-अलग हास्पिटलों के नाम पर आए थे। इसके अलावा हीरानंदानी कॉम्प्लेक्स में वैक्सिनेशन ड्राइव के लिए बीएमसी से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी। पकड़े गए 5 आरोपियों में वैक्सीनेशन ड्राइव का मास्टरमाइंड महेंद्र सिंह ने पुलिस को जानकारी दी है कि वैक्सीन किसी आथराईज्ड हॉस्पिटल के माध्यम से नहीं दी गई थी। लोगों को जो वैक्सीन दी गई थी, उसका शील पहले से टूटा हुआ था। वैक्सीन लगवाने वालों को जो सर्टिफिकेट दिए गए हैं, वह भी अधिकारिक रूप से प्रमाणित नहीं हैं। इतना ही नहीं हॉस्पिटल की आईडी चुराकर उक्त ड्राइव में काम किया गया था।
10वीं फेल वैक्सीनेशन के नाम पर कर गया खेल
खुद को मेडिकल एसोसिएशन का सदस्य बताने वाला मास्टरमाइंड महेंद्र कुलदीप सिंह 10वीं फेल है। यह करीब 2 साल से ऐसे इवेंट आर्गनाइज्ड कर रहा था। पुलिस ने महेंद्र के एकाउंट में जमा 9 लाख रुपए फ्रीज कर दिया है। आरोपी संजय गुप्ता (34) जहां वैक्सीनेशन होना होता था, वहां की व्यवस्था संभलता था। चंदन सिंह (32) और नितिन मोडे प्राइवेट हास्पिटल में जॉब करते थे। इन्हीं दोनों पर वैक्सीन सर्टिफिकेट के लिए अस्पतालों के साइट्स चोरी करने का आरोप लगा है। एमपी से गिरफ्तार किया गया करीम अली (21) वैक्सीन लाने का काम करता था।
9 जगहों पर ऐसे फर्जी वैक्सीन ड्राइव चलाने का काम किया
इसके अलावा एक नामी हॉस्पिटल में पीआरओ के पद पर काम करने वाला डॉक्टर भी गिरोह में शामिल है जो फरार है। जानकारी मिली है कि यह गैंग अब तक करीब 9 जगहों पर ऐसे फर्जी वैक्सीन ड्राइव चलाने का काम किया है, जिसमें बोरीवली पश्चिम का आदित्य कॉलेज भी शामिल है।