Night Curfew Hotel business AHAR
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    मुंबई: महंगाई (Inflation) की मार झेल रहे मुंबईवासियों को होटलों (Hotels) में खाना खाने और चाय-नाश्ता के लिए अब अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी। पिछले डेढ़ साल तक चले लॉकडाउन (Lockdown) और महंगाई का साइड इफेक्ट होटलों पर पड़ा है। मुंबई (Mumbai) के होटलों में खाने पीने की चीजें महंगी मिलेगी। होटल एवं रेस्टोरेंट के संगठन ‘आहार’ (AHAR) की तरफ से कहा गया है कि होटलों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोत्तरी अपरिहार्य हो गई है। होटल अपने स्तर पर 30 प्रतिशत तक कीमत बढ़ा सकते हैं।

    वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम को लेकर लॉकडाउन लागू किया गया था। जिसकी वजह से होटलों का धंधा मंदा हो गया था। कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद होटलों को खोलने की मंजूरी मिल गयी है, लेकिन अभी भी होटल व्यवसायी उबर नहीं पाए हैं।

    सब्जियों की कीमतों में भी भारी वृद्धि 

    इस बीच महंगाई भी बढ़ी है। घरेलू रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ कामर्शियल सिलेंडरों की कीमतों में भी तेज वृद्धि हुई है। इसका होटल और रेस्टोरेंट पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। रसोईं गैस के अलावा कोयला, अनाज और सब्जियों की कीमतों में भी भारी वृद्धि हुई है। पिछले डेढ़ साल तक चले लॉकडाउन से होटल मालिकों की आर्थिक हालत बहुत ख़राब हो गयी है। अब जब होटल खुले हैं तो महंगाई की वजह से उन्हें अधिक फायदा नहीं हो रहा है। जिसकी वजह से कीमतों को बढ़ाने का फैसला होटल मालिकों को अपने स्तर पर लेने के लिए कहा गया है। 

     रसोईं गैस सिलेंडरों के दाम  में भारी वृद्धि 

    पिछले साल सितंबर में कामर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,089 रुपए थी, लेकिन अब इसकी कीमत बढ़ कर 1,683 रुपए हो गयी है। एक कामर्शियल सिलेंडर की कीमत में 600 रुपए से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। एक साधारण होटल में हर रोज औसतन दो कामर्शियल सिलेंडर और बड़े होटलों में 5 से 6 सिलेंडर लगता है। नतीजतन केवल गैस के मद में होटलों का दैनिक खर्च 1,200 रुपए से 3,000 रुपए बढ़ गया है। महीने  के अंत में होटल व्यवसायियों का यह खर्चा एक लाख रुपए तक जा रहा है।  इस हिसाब से लागत दो गुना गया है। ऐन दिवाली की पूर्व संध्या पर कामर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 266 रुपए की वृद्धि हुई थी।  इससे होटल व्यवसायियों को बड़ा झटका लगा है। होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि ईंधन की बढ़ती कीमतों और मुद्रास्फीति के कारण दैनिक खर्चों की भरपाई के लिए होटल और रेस्टोरेंट में खाने पीने की चीजों की  कीमतें बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।  

    होटल व्यवसाय पर कोरोना का बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। व्यवसाय बंद होने से हमारे खर्च में कमी नहीं आई, दूसरी तरफ आमदनी कम हो गई। दिवाली में अच्छा व्यवसाय हुआ, लेकिन प्राफिट उस हिसाब से नहीं हुई। अब नुकसान भरपाई के लिए हमारे पास खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोत्तरी के सिवाय कोई पर्याय नहीं है।

    -शिवानंद शेट्टी, अध्यक्ष, आहार

    होटलों में हर साल दो बार खाने-पीने की चीजों की कीमत बढ़ती रही है। दो साल से किसी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं हुई है, जबकि अनाज, सब्जी, ईंधन सहित अन्य सभी चीजों के दाम बढे हैं। आहार संस्था कीमत तय नहीं करती है, होटल मालिक अपने स्तर पर दाम बढाते हैं। खर्च और आमदनी की तुलना में कीमतें बढ़ाई जा सकती है।

    -सुकेश शेट्टी, महासचिव,आहार