किसानों को समय पर दें कर्ज, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिया निर्देश

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    मुंबई: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने कहा है कि राज्य में मानसून (Monsoon) दस्तक देने वाला है। किसानों (Farmers) को खरीफ की फसल के लिए तत्काल कर्ज (Loan) की आवश्यकता है। उन्होंने मिशन के तहत किसानों को फसल कर्ज (Crop Loan) उपलब्ध कराने का निर्देश बैंकों को दिया है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने केंद्र से मांग की है कि फसल कर्ज  पर 2 प्रतिशत ब्याज वापसी योजना को फिर से शुरू कर आम किसानों और जिला सहकारी बैंकों को मदद दी  जाय।

    मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में सह्याद्री गेस्ट हाउस में हुई राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक हुई। जिसमें मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि फसल कर्ज वितरण में स्थानीय स्तर पर जिलाधिकारी की मदद से बैंक मेला का आयोजन किया जा सकता है। कृषि क्षेत्र के आधारभूत सुविधा का विकास तेज गति से करने के लिए  प्रधानमंत्री सुक्ष्म अन्न प्रक्रिया उद्योग योजना से महाराष्ट्र को अधिक से  अधिक  निधि उपलब्ध कराने का भी निर्देश मुख्यमंत्री ने  दिया।  

     ब्याज वापसी योजना को फिर से शुरू करें

    मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार ने बैंकों को फसल ऋण पर 2 प्रतिशत ब्याज अदायगी को रोकने का निर्णय लेते समय किसानों के हितों का  ध्यान नहीं दिया। इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि वह इस ब्याज वापसी योजना को फिर से शुरू करें। जिससे आम किसानों और जिला सहकारी बैंकों को राहत मिल सकें। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में  केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा गया है। ब्याज रिफंड बंद होने से राज्य में 70 लाख से अधिक किसानों के प्रभावित होने की संभावना है।  

    चालू वित्तीय वर्ष से उपलब्ध नहीं होगा लाभ 

    केंद्र सरकार ने 28 मार्च, 2022 को एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि अल्पावधि फसल ऋण वितरण में बैंकों को दिया जाने वाला 2 प्रतिशत ब्याज रिफंड बंद कर दिया जाएगा और यह लाभ चालू वित्तीय वर्ष से उपलब्ध नहीं होगा। इसलिए चालू वित्त वर्ष में फसली ऋण वितरण में बैंकों को केंद्र सरकार से 2 प्रतिशत ब्याज वापस नहीं मिलेगा और जिला सहकारी बैंकों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा । ठाकरे  ने कहा कि हमारे सामने बड़ी समस्या यह है कि नियमित फसल ऋण चुकाने वाले किसानों के लिए 3 लाख रुपए तक की मौजूदा योजना को जीरो प्रतिशत दर पर कैसे लागू किया जाए। किसान बड़े कर्ज के लिए इन्ही बैंकों पर निर्भर हैं।