bombay high court

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मुंबई: राज्य के पूर्व श्रम मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता हसन मुश्रीफ (Hasan Mushrif) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट (Bombay High Court) का दरवाजा खटखटाया है। मुश्रीफ के वकील प्रशांत पाटिल (Advocate Prashant Patil) ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। वह सोमवार को ईडी के दफ्तर में पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए।

हसन मुश्रीफ की हाई कोर्ट में दायर याचिका पर पर मंगलवार को सुनवाई होगी। इस याचिका पर फैसला आने के बाद मुश्रीफ पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होंगे या नहीं? इस पर प्रशांत पाटिल ने कहा कि वह इस संबंध में फैसला लेंगे। उन्होंने इस संबंध में नोटिस देकर ईडी को सूचित कर दिया है। वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि हमने हाल ही में बांबे हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है।

अदालत के संज्ञान में ईडी की छापेमारी

ईडी की जिस तरह से छापेमारी की जा रही है, उसे उन्होंने अदालत के संज्ञान में लाया है। इस मामले में पहले पुणे में एक मामला दर्ज किया गया है। अदालत ने उसे स्थगित कर दिया है। हसन मुश्रीफ उस मामले में आरोपी भी नहीं हैं। इसे अदालत के संज्ञान में भी लाया गया था।

पुणे में दायर मामले पर रोक

प्रशांत पाटिल ने कहा कि हसन मुश्रीफ ईडी के सामने पेश होंगे या नहीं, यह दायर याचिका पर हाई कोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है। हाईकोर्ट ने 2 मई 2022 को पुणे में दायर मामले पर रोक लगा दी है। वह ईडी का सहयोग करेंगे। उन्हें छिपाने के लिए कुछ नहीं है। दस्तावेज जमा किए जा चुके हैं। इसलिए याचिका पर फैसला करने के बाद वह जवाब देंगे। अब तक की जांच में उन्हें क्लीन चिट मिली है। इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।

एक महीने का मांगा समय

मुश्रीफ ने कहा कि ईडी की टीम घर गई थी। ईडी ने उन्हें नोटिस भेजा है। ईडी से नोटिस मिलने के बाद वकीलों को ईडी से एक्सटेंशन मांगने के लिए कहा गया है। इसलिए ईडी के समन का जवाब देने के लिए एक महीने का समय मांगा गया है। पहले मामले में उनका नाम मामले में नहीं था।