Karnak Flyover

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    मुंबई: भायखला के हैकॉक ब्रिज के बाद अब मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) के पास स्थित कर्नाक फ्लाईओवर (Karnak Flyover) भी इतिहास (History) हो जाएगा। मध्य रेलवे ने 154 साल पुराने ब्रिटिश कालीन इस पुल को तोड़ने की तैयारी कर ली है। मध्य रेलवे (Central Railway) ने मुंबई ट्रैफिक पुलिस को कर्नाक फ्लाईओवर को ट्रैफिक के लिए बंद करने का निर्देश दिया है। बताया गया है कि जुलाई महीने में ही इस पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया जाएगा, फिर इस पर हथौड़ा चलने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।

    पश्चिम रेलवे लाइन के ऊपर बने अंधेरी स्थित गोखले फ्लाईओवर का एक हिस्सा चार साल पहले जुलाई 2018 में ढह गया था। दुर्घटना के बाद तत्कालीन रेल मंत्री ने ब्रिटिश कालीन के सभी पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट करने का निर्देश दिया था। ऑडिट के बाद पश्चिम रेलवे पर बने लोअर परेल फ्लाईओवर और मध्य रेलवे पर बने भायखला के पास स्थित हैकॉक फ्लाईओवर को ध्वस्त कर दिया गया। फिलहाल दोनों पुलों का पुनर्निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। दोनों पुलों के बंद होने से वाहन चालकों और नागरिकों को गंतव्य स्थल तक जाने के लिए काफी अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।भायखला का हैकॉक फ्लाईओवर अभी तक शुरु नहीं हो पाया है, इसी बीच मध्य रेलवे ने कर्नाक फ्लाईओवर को तोड़ने की की तैयारी कर रहा है।

    यातायात व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा

    पिछले दिनों मध्य रेलवे और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों की बैठक हुई थी। जिसमें ट्रैफिक पुलिस को कर्नाक पुल के बारे में जानकारी देते हुए इसे बंद करने के लिए कहा गया था। ट्रैफिक पुलिस की तरफ से भी कहा गया कि कर्नाक फ्लाई ओवर को तुरंत बंद करने से दक्षिण मुंबई की यातायात व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा। यातायात व्यवस्था को देखते हुए जब तक हैकॉक फ्लाई ओवर शुरु नहीं होता है तब तक कर्नाक पुल को शुरु रखने की मांग की गयी। लेकिन मध्य रेलवे सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी तरह का जोखिम उठाने के पक्ष में नही है। सूत्रों के मुताबिक मुंबई बीएमसी इसी माह पुल को बंद करने की अनुमति दे सकती है। 

    ब्लॉक लेंगे और पुल  तोड़ेंगे 

    मध्य रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कर्नाक फ्लाई ओवर तोड़ने का  काम जुलाई के मध्य तक शुरू होने की उम्मीद है। साथ ही इसके समानांतर हैकॉक ब्रिज को सड़क यातायात के लिए खोले जाने की उम्मीद है। शुरुआत में रेल यातायात पर कोई असर नहीं पड़ेगा, इसलिए छोटे-छोटे ब्लॉक रेलवे से लिए जाएंगे। कुछ महीनों बाद कर्नाक फ्लाईओवर को गिराने के लिए एक बड़ा ब्लॉक लिया जाएगा।

    1868 में किया गया था फ्लाईओवर का निर्माण 

    सीएसएमटी और मस्जिद बंदर के बीच कर्नाक फ्लाईओवर का निर्माण अंग्रेजों ने वर्ष 1868 में करवाया था। कर्नाक ब्रिज को मध्य रेलवे के सबसे पुराने और ऊंचाई में सबसे छोटे फ्लाइट ब्रिज के रूप में जाना जाता है। 154 साल पुराने ब्रिज को स्ट्रक्चरल ऑडिट में खतरनाक घोषित किया गया है।