Mira-Bhayander Municipal Corporation

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    -अनिल चौहान

    भायंदर:  500 वर्गफीट तक के घरों (Homes) को टैक्स फ्री (Tax Free) करने का प्रस्ताव मंगलवार को मीरा-भायंदर महानगरपालिका (Mira-Bhayander Municipal Corporation) की आमसभा में बहुमत से पारित हो गया। जिसके मुताबिक, राज्य सरकार (State Government) से अनुदान (Grant) मिलने पर ही घरों को टैक्स फ्री किया जाएगा। चर्चा के दौरान सत्तापक्ष भाजपा (BJP) के सदस्य ध्रुवकिशोर पाटिल ने तर्क दिया कि केंद्र सरकार से अनुदान मंजूर होने के बाद ही राज्य सरकार ने चुंगी खत्म की थी। उसी तर्ज पर राज्य सरकार अनुदान देकर मीरा-भायंदर की जनता को हाउस टैक्स से हमेशा के लिए छुटकारा दिलाए।

    भाजपा सदस्य और सभागृह नेता प्रशान्त दलवी ने चुनौती दी कि दोनों शिवसेना विधायक हाउस टैक्स फ्री करने के लिए पत्र महापौर को दिये थे, अब राज्य सरकार से आमसभा में पारित प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी दिलाकर दिखाएं।

    शिवसेना का यू-टर्न   

    टैक्स फ्री प्रस्ताव को समर्थन देने और उसे राज्य सरकार से मंजूर कराकर लाने की बात शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक और गीता जैन ने कही थी, लेकिन इस मुद्दे पर उनकी पार्टी सदन में यू-टर्न ले ली। खुद विधायक गीता जैन और सदन में शिवसेना नेता नीलम ढवण महानगरपालिका प्रशासन और राज्य सरकार के पक्ष में खड़ी दिखीं। उनका कहना था कि महानगरपालिका की आर्थिक स्थिति दयनीय है। ऐसे में 500 वर्गफीट के घरों को महानगरपालिका टैक्स फ्री कैसे कर पाएगी? इसके बजाय 200-300 वर्गफिट के घरों को टैक्स से राहत देने पर स्टडी करनी चाहिए थी। घाटे की भरपाई कहां से होगी? सत्तापक्ष को प्रशासन से चर्चा के बाद ही प्रस्ताव लाना चाहिए था।

    मुश्किल हो जाएगा महानगरपालिका चलाना

    महानगरपालिका कमिश्नर दिलीप ढोले ने सदन को बताया कि महानगरपालिका की आर्थिक स्थिति एकदम विकट हैं। बीते आर्थिक वर्ष की  468 करोड़ रुपए की देनदारी (बिलों का बकाया)का बोझ चालू वित्तीय वर्ष पर चढ़ गया है। आय बढ़ाने के पर्यायी स्रोत तलाशे बिना घरों को टैक्स फ्री करने से विकास कार्य ठप पड़ जाएंगे और भविष्य में महानगरपालिका चलना मुश्किल हो जाएगा।

    सत्तापक्ष को मंजूरी नहीं मिलने का डर

    टैक्स फ्री का प्रस्ताव भाजपा ने बहुमत के बल पर पास तो कर दिया है, लेकिन इसे राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिलने का डर उसे है। उसके प्रस्ताव के सामने सदन में कांग्रेस के नेता जुबेर इनामदार एक प्रस्ताव लाए थे। जिसमें आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में हाउस टैक्स से आय में 70 फीसदी की कटौती दिखाने को कहा गया था। हालांकि मतदान में यह प्रस्ताव गिर गया। भाजपा सदस्य और उपमहापौर हसमुख गहलोत ने आंशका जताई कि अगर सरकार ने उनके द्वारा आमसभा में पारित प्रस्ताव को मंजूरी नही दो तो पूरा बजट गड़बड़ा जाएगा क्योंकि बजट में कर में छूट दिखाने के बाद उसे जनता से नहीं लिया जा सकता है।