INS Visakhapatnam

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    मुंबई:  ब्रह्मोस और बराक मिसाइलों से लैस ‘समंदर का सिकंदर’ कहे जाने वाले विध्वंसक युद्धपोत ‘विशाखापत्तनम’ (INS Visakhapatnam) को भारतीय नौसेना (Indian Navy) में शामिल कर लिया गया। नवल डॉकयार्ड में आयोजित ‘कमिश्निंग सेरीमनी’ में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह  (Defense Minister Rajnath Singh ) ने नौसेना (Navy) के शीर्ष कमांडरों की मौजूदगी में इस आधुनिकतम तकनीक से युक्त मिसाइल विध्वंसक ‘वारशिप’ को नौसेना के बेड़े में शामिल किया। 

    इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत हिंदुस्तान ने युद्धपोत निर्माण के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ाए हैं, शीघ्र भारत पूरे वर्ल्ड के लिए जहाजों का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि आईएनएस विशाखापत्तनम के नौसेना में शामिल होने से नौसेना की ताकत बढ़ी है।

    इंडो-पैसिफिक को सुरक्षित रखना जिम्मेदारी

    रक्षामंत्री ने कहा कि हम भारत की तीनों सेनाओं को मजबूत करने के लिए हर संभव मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक को सुरक्षित, स्वतंत्र और खुला रखना हमारी नौसेना की प्रमुख जिम्मेदारी है क्योंकि विश्व की दो-तिहाई समुद्री व्यापार इसी क्षेत्र से होता है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में मिलिट्री की ताकत बढ़ाने पर अत्यधिक खर्च किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी दुनिया में सुरक्षा साजो-सामान पर 2023 तक 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च होने का अनुमान लगाया गया है, जो अगले कुछ वर्षों में कई गुना हो सकता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले पांच फाइनेंसियल ईयर्स में नेवी के लिए 41 जहाजों के जो आर्डर दिए गए हैं, उनमें 39 वारशिप और सबमरीन इंडियन शिपयार्ड से हैं। यह हमारे ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन का बड़ा उदाहरण है। एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत कोविड के बावजूद अपने कई ट्रायल्स पूरे किए हैं। 40 फाइटर प्लेन वाला यह एयरक्राफ्ट कैरियर भारतीय नौसना के लिए ‘मील का पत्थर साबित’ होगा।

    चीन पर करारा प्रहार

    राजनाथ सिंह ने चीन पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि वर्चस्ववादी प्रवृत्तियों वाले ‘कुछ गैर-जिम्मेदार देश’ अपनी संकीर्ण और पक्षपातपूर्ण हितों के कारण समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को गलत तरीके से परिभाषित कर इन कानूनों को लगातार कमजोर कर रहे हैं।

    आईएनएस विशाखापत्तनम की खासियत

    • आईएनएस विशाखापत्तनम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि दुश्मन देश के राडार इसे ट्रैस नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह यह है कि इसकी बाहरी सतह एक स्पेशल स्टील की धातु से तैयार की गई है। इस जहाज में जैविक और केमिकल हमले झेलने की भी क्षमता है। 
    • इसके अलावा यह एंटी शिप, ड्रोन, विमान और बैलिस्टिक मिसाइल का खात्मा करने में भी सक्षम है।
    •  इसमें 4 गैस टरबाइन इंजन लगाए गए हैं और यह अधिकतम 56 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से चल सकता है।
    •  यह रॉकेट लॉन्चर, जैविक-केमिकल अटैक प्रूफ जैसे तकनीक से लैस है। इस युद्धपोत का निर्माण स्वदेशी स्टील से किया गया है। इसके निर्माण में इस्तेमाल की गई 75% से अधिक सामग्री स्वदेशी है।
    • आईएनएस विशाखापत्तनम सभी तरह के हथियारों से लैस है। यह सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, मध्यम और छोटी दूरी की बंदूकें, पनडुब्बी रोधी रॉकेट, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, संचार प्रणालियों सहित घातक हथियारों और सेंसर से लैस है। इस जहाज पर दो हेलीकॉप्टरों को संचालित करने की क्षमता है।
    • इसमें मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल, सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस, एलएंडटी कंपनी के टोरपीडो ट्यूब लॉन्चर, एलएंडटी के ही एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर और बीएचईएल की 76एमएम सुपर रैपिड गन हैं।