bmc

    Loading

    मुंबई : ईंधन की कीमतों में वृद्धि का खामियाजा सभी को भुगतना पड़ रहा है। इसी तरह बीएमसी (BMC) पर भी महंगाई (Inflation) की मार पड़ी है। कीटनाशक दवाओं (Pesticides) में वृद्धि के कारण बीएमसी को दवाओं की खरीद के लिए 3 करोड़ रुपए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है। मुंबई शहर (Mumbai City) में मच्छरों और मच्छरों जैसे लार्वा को खत्म करने के लिए बीएमसी द्वारा विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। मच्छरों पर नियंत्रण के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाता है, लेकिन उसके दाम बढ़ने से अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ रही है।

    मुंबई में बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए हर साल बीएमसी के कीट नियंत्रण विभाग द्वारा विशेष उपाय किए जाते हैं। मानसून के दौरान शहर में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य बीमारियां सिर उठा लेती है। इन बीमारियों से बचाव के लिए बीएमसी खुले पानी और सीवरेज में दवाओं का छिड़काव करती है। कीटनाशक दवा को तेल में मिला कर छिड़काव करना होता है इससे मच्छरों और लार्वा को मारा जाता है।

    बीएमसी ने एक नया अनुबंध करने का निर्णय लिया 

    बीएमसी कीटनाशक विभाग ने तीन वर्ष 2019-22 की अवधि के लिए 11 लाख लीटर प्रति वर्ष की 33 लाख लीटर कीटनाशक तेल खरीदा था। तेल  की कीमत 82.60 रुपए प्रति लीटर थी। इसमें से बीएमसी ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन को 27 करोड़ 25 लाख रुपए दिए हैं। इस अनुबंध की अवधि 31 मार्च, 2022 को समाप्त हो रही है, इसलिए बीएमसी ने एक नया अनुबंध करने का निर्णय लिया है, लेकिन तेल की कीमत 92.04 लीटर हो गई है। इस खरीद के लिए बीएमसी से 30 करोड़ 37 लाख रुपए खर्च करने होंगे।