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फ़ाइल फोटो

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    मुंबई: मुंबई महानगरपालिका द्वारा मुंबई (Mumbai) में किए जा रहे कई प्रोजेक्ट परियोजना (Many Projects) प्रभावितों को उचित मुआवजा (Compensation) नहीं मिलने के कारण रुके हुए हैं। परियोजना के बीच में आने वाले घरों के लिए बीएमसी की सत्तारुढ़ पार्टी शिवसेना (Shiv Sena) ने जितना मुआवजा तय किया था उतने में कोई प्रभावित अपना घर नहीं छोड़ना चाहते। बीजेपी ने बीएमसी कमिश्नर को पत्र लिख कर परियोजना प्रभावितों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाकर 200 प्रतिशत करने की मांग की है। बीएमसी चुनाव के मौके पर बीजेपी की यह मांग शिवसेना पर सर्जिकल स्ट्राइक कही जा रही है। बीजेपी की यह मांग स्वीकार हो जाती है तो बीएमसी चुनाव में शिवसेना के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

    मुंबई में सड़कों और नालों की चौड़ाई बढ़ाने, नई सड़कों का प्रस्ताव, नदियों के किनारे 6 मीटर रास्ता बनाने के लिए बीएमसी को बड़ी संख्या में पीएपी घरों की आवश्यकता है। वर्तमान में जो परियोजना प्रभावितों को मिलने वाला मुआवजा निजी जमीन पर रेडिरेकनर के भाव का 100 प्रतिशत, जबकि झोपड़पट्टी इलाकों में 75 प्रतिशत आर्थिक मुआवजा दिया जाता है। 

    भालचंद्र शिरसाट ने लिखा बीएमसी कमिश्नर को पत्र

    बीएमसी में भाजपा प्रवक्ता भालचंद्र शिरसाट ने कहा कि वर्ष 2013 में केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए रेडीरेकनर की दर से भी चार गुना मुआवजा देने का कानून बनाया है, लेकिन बीएमसी की स्थायी समिति में एक झोपडे के लिए 17 लाख मुआवजा देने का प्रस्ताव पास किया है। इस कारण से कोई अपना घर छोड़ना नहीं चाहता है। यदि उन्हें 35 लाख रुपए मुआवजा मिलता है तो वे उस राशि में कही भी दूसरा घर खरीद सकते हैं। शिवसेना का प्रस्ताव अन्याय पूर्ण और परियोजनाओं को रोकने वाला था। इसलिए हमने बीएमसी कमिश्नर को पत्र लिख कर 200 फीसदी मुआवजा देकर परियोजनाओं को पूरा करने की मांग की है।

     बीएमसी के इन प्रोजेक्ट पर ग्रहण

    बीएमसी की ओशिविरा नदी, दहीसर नदी, पाइसर नदी और मीठी नदी के किनारे 6 मीटर का रास्ता बनाया जाना था जिससे इसकी सफाई आसानी से की जा सके, लेकिन आज तक उचित मुआवजा नहीं दिए जाने से कोई अपना घर नहीं छोड़ना चाहता। इसके अलावा सांताक्रुज से दहीसर तक जाने वाले स्वामी विवेकानंद रोड, सायन से मुलुंड एलबीएस रोड, अंधेरी-घाटकोपर लिंक रोड, मुलुंड-गोरेगांव लिंक रोड और टीएचएमल से वर्ली सीलिंक को जोड़ने वाला कनेक्टिंग रोड का काम मुआवजा को लेकर लटका है।

    बीएमसी ने कई स्थानों पर पीएपी घर बनाने का निर्णय लिया है, लेकिन उस पर खर्च होने वाली रकम पीएपी का दी जाने वाल राशि से बहुत अधिक है। बीएमसी को महंगे विकल्प को अपना रही है। उससे अच्छा है उन्हें 200 फीसदी मुआवजा देकर प्रोजेक्ट को पूरा करे।

    -भालचंद्र शिरसाट, बीजेपी प्रवक्ता, बीएमसी