
मुंबई: मुंबई (Mumbai) को लोकल ट्रेन (Local Train) और स्टेशन (Station) को दिव्यांगजनों (Divyangs) के अनुकूल बनाए जाने को लेकर की दिल्ली (Delhi) में चल रहे लोकसभा (Lok Sabha) के सत्र में उत्तर-पूर्व मुंबई के बीजेपी सांसद मनोज कोटक (MP Manoj Kotak) ने मुंबई की लाइफलाइन कहे जाने वाले लोकल ट्रेन और स्टेशन को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया जाने की मांग रखी। सांसद मनोज कोटक ने लोकसभा में अपनी मांग रखते हुए कहा कि पिछले कुछ समय से स्टेशन और लोकल ट्रेन में सुचारू व्यवस्था की कमी के चलते दिव्यांगजनों की जान गयी है। भविष्य में ऐसी घटना न हो इसका ध्यान रखा जाए, साथ ही पिकआवर में विशेष ध्यान देने की बात कही है।
सांसद मनोज कोटक ने लोकसभा में कहा कि मुंबई शहर में लोकल ट्रेन में दिव्यांगजनों के लिए सफर कर पाना काफी कठिन होता है।मुंबई लोकल में काफी भीड़ होती है और दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था पर्याप्त ना होने के कारण दिव्यांगजन इस लोकल ट्रेन में सफर कर पाने के लिए असमर्थ होते हैं। एक वर्ष पूर्व ही एक दिव्यांग लड़की का लोकल ट्रेन में अत्याधिक भीड़ होने के कारण डोंबिवली से घाटकोपर तक सफर करते समय गिरकर उसकी जान चली गई। इसी वर्ष फरवरी माह मे एक दिव्यांग व्यक्ति की मृत्यु पनवेल स्टेशन पर संतुलन खोकर गिरने के कारण हुई। दिव्यांगजनों के अनुकुल बनाने के रेलवे के प्रयासो के बावजूद ना तो लोकल ट्रेन और ना तो लोकल ट्रेन स्टेशन दिव्यांगजनों के आने-जाने के अनुकुल नहीं बन पाए हैं।
आज लोक सभा मे मुम्बई लोकल ट्रेन एवं स्टेशन को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया जाने की मांग रखी।
गत दिनों में स्टेशन एवं लोकल ट्रेन में सुचारू व्यवस्था की कमी ने दिव्यांगजनों की जान ले ली। भविष्य में इस अनहोनी को होने से बचाया जाए। pic.twitter.com/863aCv7kOC
— Manoj Kotak (@manoj_kotak) December 13, 2021
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ताकी कोई अप्रिय घटना ना हो
सांसद मनोज कोटक ने कहा कि इसलिए मेरा रेलमंत्री से निवेदन है की मुंबई लोकल ट्रेन में दिव्यांगजनों के चढ़ने और उतरने के लिए विशेष व्यवस्था की जाए। खासतौर पर पीकऑवर्स में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए की दिव्यांगजन सुगमता पूर्वक यात्रा कर सकें। सभी रेलवे स्टेशनों को दिव्यांगजनों के अनुकुल बनाया जाए। ऐसी व्यवस्था की जाए की दिव्यांगजन अगर मदद चाहता है तो उसे तत्काल सहायता पहुंचाने के लिए रेल ऑथारिटी अपनी प्रावधान करें। मुंबई लोकल ट्रेन में दिव्यांगजनों को हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए अनुकुल बनाया जाए, ताकी आनेवाले समय में इस तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो।