राज्य के 644 प्रोजेक्ट को महारेरा ने किया ब्लैकलिस्ट, भविष्य में नहीं ले सकेंगे नए प्रोजेक्ट

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    मुंबई. महाराष्ट्र हाउसिंग रेगुलेटरी अथॉरिटी (Maharashtra Housing Regulatory Authority) (महारेरा) ने बड़ी कार्यवाई करते हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट (Housing Projects) को पूरा करने में देरी करने वाले राज्य भर के 644 परियोजनाओं को ब्लैकलिस्ट (Blacklist) कर दिया है। महारेरा ने इन आवासीय परियोजनाओं के घरों की बिक्री, विज्ञापन या विपणन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इन परियोजनाओं को ऐसे समय में ब्लैकलिस्ट किया गया है जब इनमें 80% घर बिक चुके हैं। जिन बिल्ड़रों को ब्लैकलिस्ट किया गया है वे सभी लोकल हैं। भविष्य में ये नए प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर सकेंगे।

    एक रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स ने इसका खुलासा किया है। इन 644 परियोजनाओं में से 16%  प्रोजेक्ट को 2017 तक पूरा किया जाना था, जबकि 84% की समय सीमा 2018 थी। कुल 644 ब्लैकलिस्टेड परियोजनाओं में से 274 (43%) के साथ एमएमआर सबसे आगे है, इसके बाद पुणे की 189 (29%) प्रोजेक्ट हैं। शेष 181 यानी 28% परियोजनाएं नागपुर, नासिक, कोल्हापुर, औरंगाबाद, सतारा, रत्नागिरी और सांगली में हैं।

    कंसल्टेंसी फर्म के चेयरमैन अनुज पुरी ने इस कदम को सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि  महारेरा का यह कदम गलत कार्य करने वाले  डेवलपर्स को एक सख्त संदेश है, जो लगातार परियोजनाओं में देरी कर रहे हैं। इन परियोजनाओं में घर खरीददार 2017 और 2018 से कब्जा पाने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि  इन सभी परियोजनाओं को स्थानीय डेवलपर्स द्वारा विकसित किया जा रहा था। एडवोकेट विनोद संपत ने कहा कि अब इस मामले में फ्लैट खरीदारों को फैसला लेना है। फ्लैट मालिकों को एक साथ आने और अपनी परियोजना के भविष्य के बारे में फैसला करने की जरूरत है। वे नए डेवलपर्स के लिए कॉल कर सकते हैं।  महारेरा से संबंधित मुद्दों की विशेषज्ञ डॉ संजय चतुर्वेदी ने कहा, महारेरा की तरफ से ब्लैकलिस्ट करने वाले बिल्डर भविष्य में कोई परियोजना नहीं ले सकेंगे। 01 मई, 2017 को अस्तित्व में आने के बाद महारेरा  में राज्य की 29,884 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट पंजीकृत हुए हैं, जिनमें से 24% यानी 7,245  प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं।