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    मुंबई: महाविकास आघाडी गठबंधन में भले ही कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) एक साथ हो, लेकिन अपनी पार्टी विस्तार को लेकर दोनों दलों के बीच कांटे की लड़ाई चल रही है। मालेगांव (Malegaon) में एनसीपी ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए महापौर (Mayor) समेत 27 नगरसेवकों (Corporators) को अपने पाले में कर लिया है। एनसीपी के इस सर्जिकल स्ट्राइक से मालेगांव कांग्रेस में भगदड़ मच गई है। मालेगांव में कांग्रेस के पूर्व विधायक रशीद शेख की पत्नी और महापौर ताहिरा शेख समेत 27 नगरसेवकों ने कांग्रेस छोड़ कर एनसीपी में शामिल होने ऐलान कर दिया है। 

    राशिद शेख ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि हम सभी मिल कर शहर के विकास के लिए काम करना चाहते थे, लेकिन राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात को छोड़ कर हमें किसी भी मंत्री से कोई सहयोग नहीं मिला। 

    आसिफ शेख भी एनसीपी में शामिल हो गए थे

    उन्होंने कहा कि आघाडी सरकार में ऊर्जा विभाग कांग्रेस के पास है। इसके बावजूद पिछले दो साल से मालेगांव में बिजली व्यवस्था के विकास को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। रशीद ने कहा कि ऐसे में कांग्रेस पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं रह गया था। 6 महीने पहले रशीद के पुत्र और पूर्व विधायक आसिफ शेख भी कांग्रेस छोड़ कर एनसीपी में शामिल हो गए थे। मालेगांव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ करने के बाद माना जा रहा है कि यहां कांग्रेस और एनसीपी के बीच की लड़ाई और तेज होने वाली है।