Matunga, the Pink Station of the Central Railway, commands the hand station of women only

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    मुंबई. आज हर क्षेत्र में सड़क से लेकर संसद तक महिलाएं  पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य कर रहीं हैं, लेकिन क्या आपने कभी  सोचा है कि ऐसा भी स्थान हो सकता है, जहां पूरी जिम्मेदारी  केवल महिलाओं को कंधों पर ही हो। जी, हां वह है, मध्य रेलवे (Central Railway) का माटुंगा रेलवे स्टेशन (Matunga Railway Station), जिसे पिंक रेलवे स्टेशन (Pink Railway Station) का दर्जा दिया गया है। 

    देश का पहला रेलवे स्टेशन है जो सिर्फ महिलाओं द्वारा संचालित होता है। इसकी इस खासियत के कारण स्टेशन का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Limca Book of World Records) में दर्ज किया गया है। यह स्टेशन साल 2017 के जुलाई माह से केवल महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा है। इस उपनगरीय स्टेशन पर  36  महिलाएं कार्यरत हैं, जिनमें 16 बुकिंग क्लर्क, 4  आरपीएफ महिलाकर्मी, 6  टिकट चेकर और  ऑपरेटिंग, क्लीनिंग, प्वाइंट पर्सन, उद्घोषक सहित 10  स्टाफ शामिल हैं। जुलाई 2018 से मीना शंकर संटी यहां की स्टेशन मैनेजर हैं, जिनकी देखरेख में सभी कर्मचारी काम करती हैं।

    घरेलू वातावरण में काम मुंबई

    मीना शंकर संटी ने बताया कि माटुंगा स्टेशन पर घरेलु वातावरण में सभी महिलाएं अपना काम बखूबी करती हैं। पिछले लगभग 11 महीनों के कोरोनाकाल में लॉकडाउन की परवाह न करते हुए सभी महिला स्टाफ ने समय पर अपनी ड्यूटी निभाई। सभी महिला स्टाफ एक दूसरे के दुःख-सुख का ख्याल रखती हैं। मीना ने कहा कि हम महिलाओं को गर्व है कि हम इस गुलाबी स्टेशन का हिस्सा हैं। मध्य रेल प्रशासन से भी उन्हें अच्छा सहयोग मिलता है। हाल ही में जीएम संजीव मित्तल एवं डीआरएम शलभ गोयल ने स्टेशन का दौरा कर सभी महिला स्टाफ को प्रेरित किया।

    गुलाबी रंग से रंगा स्टेशन

    पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित माटुंगा रेलवे स्टेशन को गुलाबी रंग से रंगा गया है। लिओ क्लब ऑफ़ खालसा कॉलेज और अन्य संस्थाओं के सहयोग से स्टेशन की  दीवार सहित पूरे परिसर में विभिन्न स्थानों पर छात्र- छात्राओं द्वारा ही सुंदर पेंटिंग बनाई है। यह इलाका मुंबई का एजुकेशनल हब माना जाता है। बड़ी संख्या में उतरने वाले छात्रों के लिए सोलर एनर्जी से चलने वाला वाटर कूलर और आरओ लगाया गया है। माटुंगा स्टेशन के सुधार में  रेल मंत्री पीयूष गोयल की माता और पूर्व विधायक स्व. चंद्रकांता गोयल का भी बड़ा योगदान रहा है। स्टेशन पर सौर पैनल लगाए गए हैं । सीएसआर के माध्यम से भी यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। हालांकि इस इलाके में महिलाओं के लिए तमाम चुनौतियां हैं, लेकिन इसके बावजूद वे एक साथ मिलकर  इस  स्टेशन को सुचारु रूप से चला रही हैं। सबसे ज्यादा चुनौतियों वाले कामों में से टिकट चेकिंग भी एक है। स्टेशन में मौजूद महिला टिकट चेकर इस काम को भी बेहद सहजता के साथ करती नजर आतीं हैं।