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    मुंबई: मेट्रो-3 (Metro-3) और 6 (Metro-6) सहित पांच कॉरिडोर के लिए कांजुरमार्ग (Kanjurmarg) में प्रस्तावित भूखंड का विवाद न सुलझ पाने से अब मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने कार शेड (Car Shed) को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। इससे पूर्वी उपनगर में मेट्रो डिपो (Metro Depot) का हब बनाने की एमएमआरडीए (MMRDA) की महत्वाकांक्षी योजना पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

    मुंबई-एमएमआर में चल रही 3 मेट्रो परियोजनाएं जोरों से चल रहीं  हैं। बांद्रा से कुलाबा सीपज्ड तक बन रही मुंबई की पहली अंडर ग्राउंड मेट्रो-3 परियोजना के लिए टनलिंग और सिविल वर्क का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। इसके लिए अब तक कांजुरमार्ग सहित अन्य मेट्रो कारशेड का विवाद सुलझ न पाने से सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। कांजुरमार्ग भूमि के स्वामित्व को लेकर महाराष्ट्र और केंद्र के बीच गतिरोध बरकरार है। राज्य सरकार वैकल्पिक भूखंड के तलाश में है।

    भूमिगत मेट्रो के लिए समस्या

    पहले एमएमआरडीए की योजना के अनुसार के कांजुरमार्ग प्लॉट पर  भूमिगत मेट्रो-3, (कोलाबा-बांद्रा-सीपज़), 6 (स्वामी समर्थ नगर, लोखंडवाला- विक्रोली) और 4 के लिए एक ऑपरेटिंग सेंटर बनाना था। इसके अलावा यहीं से  (वडाला-कासरवडवली), कांजुरमार्ग और बदलापुर के बीच प्रस्तावित लाइन 14 के लिए एक इंटरचेंज बनना था। आरे को रद्द कर कांजुरमार्ग में कारशेड बनाने का विवाद अदालत में अटका है।

    भूखंड की पहचान

    एमएमआरडीए के अधिकारियों के अनुसार  मंडले (मानखुर्द) में मेट्रो-2, मोघरपाड़ा में मेट्रो-4 (घोड़बंदर रोड, ठाणे), मेट्रो-5 (काशेली, ठाणे), मेट्रो-7 (भायंदर में मुर्धा) और मेट्रो-9 (राई-मुर्धा) में भूखंड फ़ाइनल किया है। संबंधित लाइनों के लिए मेट्रो कार डिपो स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण पर काम चल रहा है। एसएमआरडीए कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास के अनुसार मुंबई मेट्रो का काम समय पर हो रहा है। कारशेड की समस्या जल्द हल होगी

    डिपो को चाहिए 136 हेक्टेयर जमीन

    एमएमआरडीए को कांजुरमार्ग सहित 4 डिपो को 136 हेक्टेयर जमीन की जरुरत है।राज्य सरकार ने अधिकारियों से गोरेगांव की पहाड़ी पर मेट्रो लाइन-3 और 6 के लिए एक कार शेड  स्थापित करने के विकल्प का पता लगाने के लिए कहा है। अधिकारियों के अनुसार अभी तक इस पर निर्णय नहीं हुआ है।

    2019 में बंद हुआ आरे कारशेड

    वर्ष 2016 में तत्कालिन फडनवीस सरकार ने मेट्रो 3 के कारशेड का निर्माण आरे में किए जाने का निर्णय लिया परंतु राज्य की सत्ता में सहभागी शिवसेना ने इसका विरोध किया। पर्यावरण हानि का दावा करते हुए आरे कारशेड का दावा कोर्ट तक गया, परंतु उस समय  फडनवीस के निर्णय को मान्य कर कारशेड निर्माण शुरू रहा। इस दौरान करीब 2 हजार पेड़ काटे भी गए। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद आरे को रद्द कर कांजुरमार्ग में कारशेड बनाने का निर्णय हुआ परंतु मामला अब तक अदालत में अटका है।