Mumbai Monorail

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मुंबई. लद्दाख के गलवान घाटी में चीन के साथ झड़प में  देश के 20 सैनिकों की शहादत पर पूरे देश में उबाल है. चीनी निर्मित सामान ही नहीं भारत में निर्मित चीनी कंपनियों के सामानों को बहिष्कार करने का मूवमेंट तेज हो गया है. बीएसएनएल, रेलवे का प्रोजेक्ट रद्द होने के बाद अब मुंबई स्थित एमएमआरडीए ने मोनो रेल के कोच के लिए चीनी कंपनी को दी गई निविदा को रद्द कर दिया है. 

भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे चीन को आने वाले समय में कई बड़े-बड़े झटके लगने वाले हैं.  एएमआरडीए ने चीनी कंपनी से 10 मोनो रेल तैयार करने की निविदा मंगाई थी. चीन की 2 कंपनियों ने निविदा भरी थी. एमएमआरडीए उन कंपनियों से नियम शर्त और पात्रता सिद्ध करने की मांग रखी थी. चीनी कंपनी की तरफ से ढ़िलाई बरती जा रही थी जिसके बाद एमएमआरडीए इस निविदा को रद्द कर भारतीय कंपनी को देने पर विचार कर रही है.

भारतीय कंपनियों की खोज करने का निर्णय लिया 

एमएमआरडीए कमिश्नर आर राजीव ने बताया कि  कोरोना संकट के बीच भारत सरकार ने मेक इन इंडिया योजना को प्रोत्साहन देने के लिए कई नीतियों की घोषणा की है. इसलिए विकास और दीर्घकालिक समर्थन के लिए भारतीय कंपनियों की खोज करने का निर्णय लिया है. जिसको ध्यान में रखकर यह निविदा रद्द करने का निर्णय लिया गया है. निविदा के संदर्भ में जल्द ही नई  प्रक्रिया शुरु की जाएगी. भारतीय कंपनियों को मजबूती देने और उन्हें सक्षम करने के लिए पिछले10 साल से पात्रता नियमों में सुधार किया गया है. ऐसी परियोजनाओं के लिए भारतीय कंपनी भेल, बीईएमएल आदि से बातचीत की जा रही है.

भारतीय कंपनी को  टेक्नोलॉजी पार्टनर बनाना चाहते हैं

आयुक्त ने कहा कि मोनो रेल का निर्माण स्कोमी कंपनी ने किया था विदेशी कंपनियों के कारण स्पेयर पार्ट्स की दिक्कत होती है. हम मोनो रेल की तरह ऐसी स्थिति दुबारा नहीं चाहते. चायनीज कंपनी हमें निविदा शर्तों में बदलाव करने का दबाव ड़ाल रही थी. भारतीय कंपनी को  टेक्नोलॉजी पार्टनर बनाना चाहते हैं.हमें बहुत अधिक मात्रा में सामान नहीं चाहिए. भारतीय कंपनी होगी तो समय पर हमें जरुरत के सामान उपलब्ध हो जाएंगे.