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    मुंबई: घाटकोपर से वर्सोवा (Ghatkopar to Versova) के बीच चल रही मुंबई की पहली मेट्रो-1 (Metro-1) को अधिग्रहित करने की योजना कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पहली मेट्रो का निर्माण रिलायंस इंफ़्रा (Reliance Infra) ने किया था। वर्ष 2014 से शुरू मेट्रो-1 को लेकर अनिल अंबानी (Anil Ambani) की रिलायंस इंफ्रा के साथ मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड और एमएमआरडीए के बीच अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। अधिग्रहण प्रक्रिया की जानकारी एमएमआरडीए प्रशासन द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली (RTI Activist Anil Galgali) को सूचना अधिकार के तहत मिली है।

    एमएमआरडीए प्रशासन के परिवहन विभाग के अनुसार, 13 जुलाई 2020 को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर से तत्कालीन शहरी विकास एवं लोक निर्माण मंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा गया था। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने दो साल पहले तीन हजार करोड़ रुपए का ऑफर दिया था। मेट्रो-1 में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की ओर से कार्यकारी निदेशक और सीईओ पुनीत गर्ग ने तत्कालीन शहरी विकास एवं लोक निर्माण मंत्री एकनाथ शिंदे को लिखे पत्र में स्पष्ट किया था कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर एमएमओपीएल में अपनी संपूर्ण हिस्सेदारी छोड़ने के लिए तैयार है।

    68 लाख वर्ग फुट एफएसआई

    वर्तमान में लगभग 68 लाख वर्ग फुट के डीसी मानदंडों के तहत एफएसआई उपलब्ध है। निर्माण क्षेत्र 5.06 लाख वर्ग फुट है और विकास के लिए उपलब्ध क्षेत्र 85.81 लाख वर्ग फुट है, इसलिए कुल बिक्री योग्य क्षेत्र 91 लाख वर्ग फुट है जिसका उपयोग सभी मेट्रो लाइनों के मुख्यालय और सरकारी कार्यालयों के लिए किया जा सकता है। रिलायंस का कुल निवेश 2,969 करोड़ रुपए का है, जिसमें में 12% वार्षिक रिटर्न या इक्विटी पर कुल 503 करोड़ रुपए शामिल हैं। इसके अलावा एमएमओपीएल ने एमएमआरडीए द्वारा समझौते के तहत 30 जून 2020 तक ब्याज सहित 2,930 करोड़ रुपए के कुल मूल्य के साथ वर्ष 2014-15 में मध्यस्थता के दावों को आगे बढ़ाया है। एमएमआरडीए ने 1,644 करोड़ रुपए के प्रतिदावे दाखिल किए हैं।

    कंसल्टेंट की नियुक्ति

    एमएमआरडीए की कार्यकारी कमिटी ने मेट्रो लाइन-1 के पूर्ण आकलन के लिए एक कंसल्टेंट की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। मुंबई में पहले मेट्रो अनुबंध में 70:30 की इक्विटी संरचना है। इनमें 353 करोड़ रिलायंस एनर्जी, 26 करोड़ कनेक्शन, 134 करोड़ एमएमआरडीए, जबकि 1192 कर्ज है। अनुदान 650 करोड़ है, जिसमें 471 करोड़ केंद्र सरकार, 179 करोड़ महाराष्ट्र सरकार का योगदान हैं। मेट्रो की कुल लागत 2,355 करोड़ रुपए थी। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा उचित मूल्यांकन के बाद राशि तय की जानी चाहिए।

    नुकसान का दावा

    मेट्रो-1 के परिचालन में नुकसान का दावा करते हुए कई बार किराए में बढ़ोतरी की मांग भी की जाती रही है। पहले मेट्रो वन की मूल परियोजना लागत 2,356 करोड़ रुपए थी, परंतु लागत में 1,935 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी का दावा किया गया।