मुंबई : मुंबई (Mumbai) में शुरू हुई देश की पहली मोनो रेल (Mono Rail) की सुस्त पड़ी रफ़्तार को तेज करने के लिए एमएमआरडीए (MMRDA) 10 नए रेक (New Rakes) खरीदेगा। घाटे में चल रही मोनो के सुचारू संचालन के लिए नए पार्ट्स के साथ रेक की भी आवश्यकता है। मोनो रेल के एक अधिकारी के अनुसार नए रेक मिलने से यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा।
ट्रेन का पहला रेक इस साल के अंत तक आने की संभावना है। एमएमआरडीए ने 10 रेक बनाने का टेंडर मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। एमएमआरडीए के अधिकारियों द्वारा हाल ही में एक बैठक कर निर्णय लिया गया। इसके लिए लगभग 590 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। स्वदेशी कंपनी का मोनो रेक होने से पार्टस की समस्या नहीं होगी।
यात्रियों की कमी
कोरोना महामारी में लॉकडाउन के चलते मोनो रेल में यात्रियों की संख्या और भी कम हुई है। चेंबूर-वडाला-जैकब सर्कल ट्रैक पर चल रही एमएमआरडीए की मोनो रेल सफेद हाथी साबित हुई है। मोनो रेल रोजाना 68 ट्रिप चलाई जाती रही है। चेम्बूर से जेकब सर्कल तक लगभग 20 किमी के ट्रैक पर सुबह 6.24 बजे से लेकर देर रात को 11.03 बजे तक मोनो दौड़ती है। इस समय प्रति आधे घंटे पर मोनो की ट्रिप हो रही है। 300 से ज्यादा का स्टाफ मोनो रेल के संचालन में लगा हुआ है। इसमें खर्च ज्यादा आमदनी कम हो रही है। चरणबद्ध तरीके से नए रेक मिलने पर बेहतर कनेक्टिविटी के साथ देखभाल खर्च कम और यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
चीनी कंपनी का ठेका हुआ रद्द
वैसे मार्च 2019 में नए रेक के लिए पहला टेंडर जारी किया गया। इस दौरान चीनी कंपनियां नियम और शर्तों में कई बदलाव की मांग कर रही थीं। केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा देने के निर्देश दिए थे, नतीजतन, पुरानी निविदाएं रद्द कर दी गईं।उसके बाद तीन भारतीय कंपनियां बीएचईएल, टीटागढ़ और मेधा ने रुचि दिखाई और जिनमें से एमएमआरडीए ने सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी मेधा को रेक बनाने का ठेका दिया है।