मुंबई. महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा (MPSC Exam)अब 21 मार्च को आयोजित की जाएगी। पहले यह परीक्षा 14 मार्च को होने वाली थी, लेकिन गुरुवार को एमपीएससी ने कोरोना महामारी (Corona Epidemic) का हवाला देते हुए इसे अचानक स्थगित कर दिया था। परीक्षा (Exam) को अचानक स्थगित किए जाने के बाद छात्र भड़क गए थे और उन्होंने सड़कों पर उतर कर आंदोलन शुरू कर दिया था। वहीं विपक्ष के अलावा महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार में शामिल दलों के नेताओं ने भी इस फैसले को वापस लेने की मांग की थी।
बाद में डैमेज कंट्रोल करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने मोर्चा संभाला और उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया के माध्यम से परीक्षा की नई तारीख शुक्रवार को घोषित किए जाने का ऐलान किया। जिसके तहत एक नए सर्कुलर में एमपीएससी की परीक्षा को 21 मार्च को आयोजित करने की घोषणा की गई है। जिन छात्रों को 14 मार्च को निर्धारित परीक्षा के लिए हॉल टिकट मिल चुके हैं, वे 21 मार्च को परीक्षा में बैठ सकेंगे। आयोग ने 27 मार्च और 21 अप्रैल को होने वाली दो अन्य परीक्षाएं भी निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कराने का ऐलान किया है।
अजीत ने छात्रों को हुई मुश्किलों पर जताया दुःख
गुरुवार को एमपीएससी की परीक्षा को अचानक स्थगित किए जाने से महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस व राकां के नेताओं ने भी नाराजगी जताई थी। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पुणे में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि परीक्षा के लिए छात्रों का सड़क पर उतरना दुखद है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एमपीएससी एक स्वायत्त संस्था है। हालांकि उन्होंने कहा कि परीक्षा को अचानक स्थगित किए जाने के फैसले से वे खुद सहमत नहीं थे। जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात कर योग्य फैसला लेने की सिफारिश की थी। पवार ने कहा कि छात्रों के मामले में इस तरह से माहौल खराब करना उचित नहीं है। हालांकि जिस ढ़ंग से गुरुवार को एमपीएससी की परीक्षा को स्थगित करने का ऐलान किया गया, उससे साफ़ हो गया है कि इस फैसला को लेने से पहले सरकार और एमपीएससी में कोई समन्वय नहीं था।