मुंबई: अदालत ने भाजपा नेता प्रवीण दरेकर की अग्रिम जमानत अर्जी पर आदेश को 25 मार्च तक रखा सुरक्षित

    Loading

    मुंबई : मुंबई सत्र न्यायालय (Mumbai Sessions Court) ने जाली दस्तावेजों के मामले में भाजपा नेता प्रवीण दरेकर(Pravin Darekar)  की जमानत अर्जी (Anticipatory Bail ) पर अपना आदेश 25 मार्च तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। गिरफ्तारी से उनकी अंतरिम सुरक्षा 25 मार्च तक चलेगी। इससे पहले सोमवार को मुंबई  पुलिस (Mumbai Police) ने हाई कोर्ट में रिप्लाई फाइल कर दरेकर के अग्रिम जमानत का विरोध किया था।  

    फर्जी सदस्यता का इस्तेमाल करने का आरोप 

    उल्लेखनीय है कि, आम आदमी पार्टी (आप) के पदाधिकारी धनंजय शिंदे की शिकायत के बाद विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर के खिलाफ यह प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिंदे ने दरेकर पर मुंबई बैंक में निदेशक पद पाने के लिए एक श्रमिक संगठन की फर्जी सदस्यता का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

    उन्होने यह भी आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल के दौरान बैंक में धोखाधड़ी और अनियमितताएं हुई थी। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2011 से 2021 तक मुंबई बैंक के अध्यक्ष रहे दरेकर ने खुद को एक मजदूर के रूप में पेश किया जो बाद में गलत पाया गया।

    सहकारी संस्था के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित

    सहकारिता विभाग ने इस साल 3 जनवरी को दरेकर को प्रतिज्ञा मजूर सहकारी संस्था के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया। 1997 में प्रतिज्ञा मजूर सहकारी संस्था के सदस्य बने दरेकर अब तक मुंबै बैंक के अध्यक्ष रहे हैं। जबकि दरेकर का दावा है कि उन पर राजनीतिक द्वेष से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने श्रम श्रेणी में निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया है। इसलिए उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।