Mumbai, MTNL

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    -आनंद मिश्र 

    मुंबई: एक जमाने में सभी को एक दूसरे से कनेक्ट कराने वाले लैंडलाइन फोन (Landline Phone) का क्रेज अब खत्म हो रहा है और इसकी वजह है लैंडलाइन फ़ोन की क्वालिटी सर्विस (Quality Service) में कमी आना आम लोगों के पास सेल फ़ोन का होना ज्यादा सुविधाजनक होता है। आरटीआई (RTI) से पता चला है कि लोग अब घर में लगे लैंडलाइन फ़ोन को सरेंडर करने लगे हैं क्योंकि मोबाइल फ़ोन (Mobile Phone)  उन्हें ज्यादा सुविधाजनक लग रहा है और पिछले 9 वर्षों में 7.58 लाख मुंबईकरों ने एमटीएनएल की लैंडलाइन सेवा को सरेंडर किया है। 

    एमटीएनएल मुंबई ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली (Anil Galgali) को सूचित किया है कि पिछले 9 वर्षों में एमटीएनएल की सेवा को सरेंडर करनेवाले मुंबईकर ग्राहकों की संख्या 7.58 लाख हैं, वहीं दूसरी ओर  3.25 लाख नए ग्राहक हैं जो एमटीएनएल मुंबई से जुड़ गए हैं।

    वर्तमान में 14.76 लाख ग्राहक

    आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने पिछले 10 वर्षों में एमटीएनएल मुंबई से लैंडलाइन ग्राहकों की संख्या, सरेंडर करने वालों की संख्या और नए कनेक्शनों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी थी। अनिल गलगली को उप महाप्रबंधक, एमटीएनएल मुंबई ने वर्ष 2013-14 से 30 नवंबर 2021 तक जानकारी दी। पिछले 9 वर्षों पर गौर फ़रमाया जाए तो वर्तमान में 14.76 लाख ग्राहक हैं। 9 साल पहले यह संख्या 19.40 लाख थी। पिछले 9 वर्षों में इसकी लैंडलाइन सेवा को कुल 7,58,929  ग्राहकों ने सरेंडर कर दिया।

    3.25 लाख नए ग्राहक भी जोड़े

    आरटीआई से पता चला है कि इसी अवधि के दौरान एमटीएनएल ने 3.25 लाख नए ग्राहक भी जोड़े गए हैं। वर्ष 2020-2021 के दौरान 1.16 लाख ग्राहकों ने अपना लैंडलाइन सरेंडर किया। हालांकि पिछले 2 वर्षों में नए ग्राहक जोड़े गए हैं, लेकिन 2020-2021 के बीच संख्या केवल 3,998 और 2021-2022 के बीच 2,535 है। पिछले 2 वर्षों में 1.86 लाख ग्राहकों ने सरेंडर किया है और केवल 6,533 नए कनेक्शन किए हैं। जानकारों के अनुसार, महानगर मुंबई में एमटीएनएल लैंडलाइन की सेवा और गुणवत्ता में गिरावट आने के कारण लोग अपना मुंह मोड़ रहे हैं।

    एमटीएनएल की सेवा को ग्राहक पहले से ही नाराज थे और कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम ने एमटीएनएल की सेवा और इंफ्रास्ट्रक्चर को और नुकसान पहुंचाया है। एमटीएनएल मुंबई तभी प्रतिस्पर्धा कर सकता है जब नई भर्तियां और सेवा की गुणवत्ता बनाए रखी जाए। वक्त आ गया है कि प्रधानमंत्री, दूरसंचार मंत्री मामले में हस्तक्षेप करें।

    -अनिल गलगली, आरटीआई एक्टिविस्ट

    यह बात सच है कि लोग लैंडलाइन सेवा से अपना मुंह मोड़ रहे हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह कन्विनिएन्स फैक्टर है। मोबाइल फ़ोन अब इतना ज्यादा सुविधाजनक हो गया है कि लोग लैंडलाइन को सरेंडर करने लगे हैं। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर और कॉस्ट फैक्टर भी है जो लैंडलाइन फ़ोन की उपयोगिता को कम और मोबाइल फ़ोन की उपयोगिता को बढ़ा रहे हैं। पर पुराना कस्टमर बेस फिर से हासिल करने का काम जारी है।

    -संजय खरे, जनरल मैनेजर, एमटीएनएल