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    मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) और एमएमआर (MMR) में पर्यावरणपूरक विकास (Eco-Friendly Development) के लिए सरकार और निजी क्षेत्र से जुड़े विकासकों को साथ आना होगा। राज्य और केंद्र सरकार से जुड़े प्राधिकरण, नगर निगम आदि संस्थाएं तेजी से यातायात सुविधाओं पर कार्य कर रही हैं। क्रांतिकारी बदलाव के लिए निजी क्षेत्रों को भी अपनी सकारात्मक भुमिका निभानी होगी। ऐसा मत वरिष्ठ आईएएस और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव भूषण गगरानी ने व्यक्त किया।

    मुंबई एमएमआर के समग्र विकास को लेकर क्रेडाई-एमसीएचआई द्वारा तैयार एक विजन डॉक्यूमेंट का विमोचन किया गया। इस अवसर पर भूषण गगरानी के साथ महारेरा के अध्यक्ष अजोय मेहता, वास्तु विशारद हाफिज कॉट्रेक्टर, मुकेश मेहता, श्रीकांत जोशी, अध्यक्ष बोमन ईरानी, धवल अजमेरा, केवल वलमभिया, दीपक गरोडिया, जितेंद्र मेहता, शैलेश पुराणिक, गौरव शर्मा सहित बड़ी संख्या में विकासक और अन्य क्षेत्रों के लोग उपस्थित थे।

    एमएमआर पर नजर

    कार्यक्रम में विशेष चर्चा के दौरान एमएमआर में बढ़ती आबादी के साथ सुविधाएं विकसित करने की बात हुई। राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों के साथ, जलवायु परिवर्तन और कार्बन की कमी को लेकर ई-वाहनों को बढ़ावा देने के साथ सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को विकसित करने पर चर्चा हुई। वाटर-वे, रेल,बस टर्मिनल के साथ 2040 तक 500 किमी मेट्रो नेटवर्क की जरुरत भी है। एमएमआरडीए द्वारा तैयार की गई कॉम्प्रिहेंसिव ट्रांसपोर्टेशन स्टडी रिपोर्ट को भी क्रियान्वित करने की आवश्यकता पर चर्चा हुई।

    1,264 किलोमीटर अलग सड़क नेटवर्क  

    उल्लेखनीय है कि मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा किए गए व्यापक परिवहन अध्ययन (सीटीएस) 2 के अनुसार 2041 तक एमएमआर में 487  किलोमीटर से ज्यादा  मेट्रो नेटवर्क जिनमें 232 किलोमीटर उपनगरीय नेटवर्क की आवश्यकता होगी। मेट्रो के अलावा 533 किलोमीटर विशेष बस लेन (बीआरटीएस) के अलावा 1,264 किलोमीटर के अतिरिक्त सड़क नेटवर्क की जरूरत है।

    समस्याओं से जूझती मुंबई

    क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि मुंबई कई समस्याओं से जूझ रही है। अपर्याप्त जल संसाधन,  अपशिष्ट प्रबंधन और प्रदूषण के बढ़ते स्तर शामिल हैं। आत्मनिर्भर विश्व स्तरीय रहने योग्य शहर में बदलने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर कार्य करना होगा। धवल अजमेरा ने कहा कि मुंबई में जीवन की अच्छी गुणवत्ता और जीवंत अर्थव्यवस्था के साथ एक विश्व स्तरीय शहर में बदलने की क्षमता है। केवल वलमभिया ने कहा कि जलभराव, झुग्गी, गरीबी, बेरोजगारी और प्रदुषण की चुनौतियों के मुंबई पॉजिटिव विज़न वाला शहर है। शैलेश पुराणिक ने कहा कि एनवायरमेंटल अप्रूवल को लेकर एकल नीति बनानी होगी। सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट परियोजनाएं  समय पर पूरी नहीं होती। इससे कॉस्ट और लोगों को समस्या बढ़ रही है।