Wife's phone ring, robbery robbed - Ramna torn incident occurred
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    मुंबई : साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) ने बैंक खाताधारकों (Account Holders) को आए दिन जालसाजी का शिकार बना रहे हैं। लोगों ने जरा सी भी गलती या लालच किया, तो उनके बैंक खातों से पैसे उड़ लिए जाते हैं। ऐसे मामलों को सुलझाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। मुंबई साइबर पुलिस (Mumbai Cyber Police) की सतर्कता (Vigilance) से एक कंपनी का 44 लाख रुपए से अधिक जालसाजों के हाथ जाते-जाते बच गई।

    साइबर पुलिस को एक टेक्सटाइल कंपनी का हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन आया, जिसमें उनके बैंक खाते से इंटरनेट बैंकिंग से 44 लाख 43 हजार 279 रुपए का ट्रांजेक्शन हो गया है। साइबर पुलिस के उप निरीक्षक मंगेश भोर, सिपाही बुरुमकर और बाबरे की टीम सूचना मिलते ही हरकत में आई। उन्होंने बिना देरी किए एनसीआरपी पोर्टल में शिकायत किया। पुलिस अधिकारी को बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क कर कैनरा बैंक खाते में ट्रांसफर हुए कंपनी के लाखों रुपए को निकाले जाने से रोकने में कामयाबी मिली। 

    कर्मचारियों को साइबर अपराध से प्रशिक्षण

    साइबर पुलिस ने लोगों को साइबर अपराध से सतर्क किया है। पुलिस ने कंपनियों को सलाह दी है कि वे अपने कर्मचारियों को साइबर अपराध को लेकर प्रशिक्षित करें। कंपनी और संस्था को व्हर्च्युअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल करें। यदि कंपनी, संस्था या कोई व्यक्ति साइबर अपराध का शिकार हो गए, तो बिना देरी किए पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।