Expressway
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    मुंबई. कभी शिवसेना (Shiv Sena) का गढ़ कहे जाने वाले कोंकण को सीधे मुंबई (Mumbai) से जोड़ने की योजना महाविकास आघाड़ी सरकार ने बनाई है। मुंबई से रायगढ़, रत्नागिरी (Ratnagiri) होते हुए सिंधुदुर्ग (Sindhudurg) को जोड़ने वाली 400 किमी लंबी सड़क के निर्माण के लिए 70,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना का मसौदा लोकनिर्माण विभाग ने तैयार किया है।

    इस बहुउद्देश्यीय एक्सप्रेस के बन जाने पर मुंबई-सिंधुदुर्ग की मौजूदा 6 से 7 घंटों की यात्रा घटकर 3 घंटे हो जाएगी। लोक निर्माण विभाग की वेबसाइट पर जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने पिछले साल राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। पिछली 25 अगस्त को सीएम की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दी है।

    4 हजार हेक्टेयर भूमि की जरूरत

    अधिकारियों के अनुसार यह ई-वे तटीय विकास को बढ़ावा देगा। ग्रीनफील्ड कोंकण एक्सप्रेसवे कहे जाने वाले इस प्रोजेक्ट पर 70,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट दो साल में पूरी होने की उम्मीद है। परियोजना को पूरा करने में और चार साल लगेंगे, जिसके लिए 4,000 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ग्रीनफील्ड कोंकण एक्सप्रेसवे की योजना बाला साहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि मार्ग की तर्ज पर बनाई गई है। जो नागपुर को मुंबई से जोड़ने वाली है। इस परियोजना पर

    राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में चर्चा हुई और यह प्रस्तावित किया गया कि परियोजना को एमएसआरडीसी को सौंपा जाना चाहिए। परियोजना का उद्देश्य कोंकण क्षेत्र को और विकसित करना है। मुंबई भारत की वाणिज्यिक और राज्य की राजधानी है, लेकिन कोंकण से इसकी निकटता के बावजूद, खराब परिवहन और संचार नेटवर्क के कारण विकास नहीं हो पाया है।  उल्लेखनीय है, कि कोंकण क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग आजीविका की तलाश में मुंबई आते रहे हैं। कोंकण एक्सप्रेस वे के बन जाने से क्षेत्र का विकास बड़े पैमाने पर हो सकेगा।