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PTI Photo: File

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    मुंबई: कोविड-19 (Covid-19) से चल रही जंग में इन दिनों मुंबईकर (Mumbaikars) आगे चल रहे हैं। कोविड लड़ रहे मुंबईकर अब जल्दी हार नहीं मान रहे हैं। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो पिछले एक महीने में कोविड से मरने (Death) वालों की संख्या 46 फीसदी से कम हुई है। मुंबई (Mumbai) में एक समय ऐसा भी था जब कोरोना वायरस इस कदर मुंबईकरों पर हावी हो गया था कि नए केसेस के साथ-साथ मरने वालों का आंकड़ा भी बहुत ज्यादा था। एक समय मुंबई में रोजाना 10हजार से अभी अधिक नए मरीज मिल रहे थे और 60 से 70 लोगों की मौत हो रही थी, लेकिन लहर के शांत होने के साथ-साथ मौत के आंकड़ों में भी अच्छी गिरावट दर्ज की गई है। 

    बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों का आंकलन करें तो 10 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच कोविड से 124 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, जबकि 20 नवंबर से 9 दिसंबर तक 67 कोविड मरीजों की मृत्यु दर्ज की गई है। डेथ रिव्यु कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अविनाश सुपे ने बताया कि मुंबई में कोविड मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है, जिसके कारण मौत के आंकड़ों में भी कमी आई है। टीकाकरण के कारण लोगों में बीमारी से होनेवाली गंभीरता भी काफी कम हो गई है। पहले की तुलना में गंभीर रोगियों की संख्या भी कम हो गई है। यह अच्छे संकेत हैं।

    144 क्रिटिकल मरीज

    मुंबई में 9 दिसंबर तक 1765 एक्टिव मरीज हैं, जिसमें से केवल 8 फीसदी यानी 144 मरीजों की अवस्था फिलहाल नाजुक है, जबकि 37 फीसदी 651 में बीमारी के सौम्य लक्षण है और 55 फीसदी यानी 970 मरीजों में बीमारी के कोई लक्षण नहीं है।

    88 % आईसीयू बेड्स रिक्त

    मुंबई में कुल 88 फीसदी आईसीयू बेड्स रिक्त पड़े हैं। शहर में कुल 1991 आईसीयू बेड्स हैं, जिसमें से 238 पर मरीजों का उपचार चल रहा है, जबकि 1753 बेड्स रिक्त पड़े है। मुंबई के लगभग 90 फीसदी से भी अधिक बेड्स रिक्त पड़े हैं।

    मुंबई में भले ही कोविड के नए केसेस काफी कम है, लेकिन ओमीक्रोन का खतरा कायम है। फिलहाल हमें 6 सप्ताह तक सावधान रहना होगा, यह वेरिएंट तेजी से फैलता है। इसलिए कोविड नियमों का पालन करें और भीड़ से बचें।

    -डॉ. अविनाश सुपे, अध्यक्ष डेथ रिव्यु कमिटी

    वर्तमान में कोरोना टीकाकरण की गति काफी बढ़ गई है। मुंबई में 100 फीसदी लोगों ने पहली खुराक पूरी कर ली है इस कारण कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में मदद मिल रही है। इसलिए कोरोना मरीजों की संख्या में कमी होती दिखाई दे रही है। वैक्सीन लेने के कारण वायरस से संक्रमित होने पर भी मरीज पर गंभीर असर नहीं हो रहा है। इसी का नतीजा है कि अब कोरोना से मरने वालों की संख्या में कमी आ रही है। यह एक बहुत ही अच्छी बात है।

    -डॉ. बिपिन जिभकाटे, कंसल्टेंट क्रिटिकल केयर, वॉक्हार्ट अस्पताल