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    मुंबई: मंगलवार को संसद (Parliament) में पेश किए गए आम बजट (Union Budget) में समाहित रेलवे बजट (Railway Budget) से यात्रियों को  निराशा ही हाथ लगी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अगले 3 साल में 400 वंदे भारत ट्रेनें चलाने, रेलवे स्टेशनों से जोड़ने मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बढ़ावा देने, पीपीपी पर स्टेशनों का विकास,वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना और 10 कार्गो टर्मिनल बनाने जैसी कुछ बड़ी घोषणा बजट में की है। उधर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा कि माल यातायात को बढ़ावा देने पीएम गति शक्ति योजना के तहत रेलवे का विकास और सुरक्षा के लिए ज्यादा से ज्यादा एलएचबी कोच बनाया जाएगा।

    रेलवे (Railway) से यात्रा करने वाले करोड़ों आम यात्रियों से जुड़ी किसी भी सुविधा की चर्चा बजट में नहीं की गई। आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में रोजाना 75 लाख लोगों को ढोने वाली लोकल ट्रेन (Local Train) सेवाओं में बढ़ोतरी, लंबी दूरी की ट्रेनों को बढ़ाने, मुंबई उपनगरीय सेवाओं के लिए बजटीय सहायता बढ़ाने आदि किसी भी सुविधा को लेकर बजट में उल्लेख न किए जाने से मुंबईकर निराश हुए हैं। इस तरह रेल बजट में माल ढुलाई आदि को लेकर कुछ बड़ी घोषणा कर मुंबई सहित राज्य के यात्रियों को झुनझुना थमाने का कार्य किया गया है। वंदे भारत को छोड़ किसी भी नई ट्रेन या यात्री योजनाओं की घोषणा नहीं की गई है।

    पिंक बुक से मिलेगी पूरी जानकारी

    मध्य रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आम बजट में ही रेल बजट को मिला दिए जाने से जरूरी योजनाओं को लेकर निर्णय स्पष्ट नहीं हो पाता। महाराष्ट्र और मुंबई रेलवे संबंधी योजनाओं में निधि आवंटन की जानकारी अब पिंक बुक आने के बाद ही पता चलेगा।

    सरकार की मंशा साफ

    रेल मामलों के जानकार वरिष्ठ पत्रकार सुरेश त्रिपाठी ने कहा कि मुंबई के लिए रेल बजट में नया कुछ भी नहीं है। पीपीपी को लेकर सरकार की मंशा साफ है। रेलवे में भर्ती को लेकर कोई योजना नहीं है। सरकार आम लोगों के लिए रेल व्यवस्था का अवमूल्यन करती रही है।

    मुंबई की उपेक्षा

    समाजसेवी और उद्यमी सुरेंद्र उपाध्याय ने कहा कि रेल बजट में मुंबई की पूरी तरह उपेक्षा की गई है। सरकार निजीकरण पर तुली हुई है। कोविड में भी यात्रियों से ज्यादा किराया वसूला गया, जबकि सुविधा अब तक नहीं मिली। बजट में ट्रेन से सफर करने वालों के लिए कुछ खास नहीं दिख रहा है।

    रेल बजट निराशाजनक

    रेल यात्री सेवा सुविधा संगठन के अध्यक्ष पारसनाथ तिवारी ने कहा कि रेल बजट ने मुंबई सहित महाराष्ट्र के यात्रियों को निराश किया है। तिवारी ने कहा कि निजीकरण के नाम पर यात्रियों को ठगा जा रहा है। आम यात्रियों की सेवा में कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी है।

    रेलवे में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर

    रेल प्रवासी संगठना के अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि आम बजट में मेक इन इंडिया के तहत रेलवे में इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थानीय स्तर पर सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया गया है। शर्मा ने कहा कि मुंबई में रेल यात्रियों सुरक्षा और सुविधा पर और ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

    स्वदेशी और गतिशील बजट

    रेल यात्री परिषद के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह बजट स्वदेशी और गतिशील लग रहा है। नई वंदे भारत ट्रेन, नए टर्मिनल, स्टेशनों के विकास की बात की गई है। सुभाष गुप्ता ने कहा कि आने वाले पिंक बुक में मुंबई और महाराष्ट्र से जुड़ी योजनाओं और यात्री सुरक्षा पर ज्यादा निधि की व्यवस्था होगी ऐसी आशा करते हैं।