मुंबई : आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) और एमएमआर (MMR) में आवागमन के लिए लोकल ट्रेन से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। सामान्य स्थिति में मुंबई लोकल ट्रेन की भीड़ लोगों को डराती है। ऐसे में अब एसी लोकल (AC Local Train) का विकल्प भी मुंबईकरों के लिए लाया गया है। पश्चिम रेलवे (Western Railway) और मध्य रेलवे (Central Railway) एसी लोकल तो चला रही है लेकिन इनकी संख्या अत्यंत कम है। सामान्य लोकल के बीच एसी लोकल चलाना रेल प्रशासन के लिए फिलहाल घाटे का सौदा नजर आ रहा है।
मुंबईकर को कैसी एसी लोकल चाहिए या नहीं, उसका किराया कितना हो, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हाल ही में रेलवे ने एक सर्वे (Survey) कराया है। सर्वे के आंकड़ों के आधार पर मिली रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड में भेजा गया है,ताकि भविष्य में इस आधार पर निर्णय लिया जा सके।
समय पर चाहिए एसी लोकल
मुंबई की लगातार खराब होती ट्रैफिक की हालत को देखते हुए सर्वे में शामिल 66 प्रतिशत लोग एसी लोकल में यात्रा करना चाहते हैं। मुंबईकर जो निजी वाहनों से चलते हैं, वे एसी लोकल की सेवाएं लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनका कहना है, कि एसी लोकल की सेवाएं समय पर मिले, या सेमी एसी लोकल चले।
सर्वे में शामिल हुए 37,082 लोग
निजी संस्था के माध्यम से किए गए सर्वे में कुल 37,082 लोग शामिल हुए। इनमें सेंट्रल रेलवे के 11,743 एवं वेस्टर्न रेलवे के 25,339 लोगों के बीच रायशुमारी की गई। एसी लोकल को लेकर 79.1 प्रतिशत लोगों ने सहमति जताई, जबकि 7733 अथार्थ 20.9 प्रतिशत लोगों ने नकार दिया। जिसकी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी गई है।
80% चाहते हैं सेमी लोकल
मुंबई में फिलहाल 22 एसी लोकल की सेवाएं रोजाना चल रही हैं। ये सभी फुल एसी लोकल ट्रेनें हैं। नॉन पीक ऑवर्स में तो इन ट्रेनों में यात्री नदारद रहते हैं। ऐसे में रेलवे का सुझाव है कि इस तरह की ट्रेनों को सेमी एसी लोकल बनाया जाएं, जिनमें सामान्य डिब्बे भी हों। सर्वे में 40% मुंबईकरों ने 12 डिब्बों की सामान्य लोकल में 3 एसी के डिब्बे, 24% ने 15 डिब्बों की एसी लोकल में 6 एसी डिब्बे तो 16% लोगों ने 12 डिब्बों की लोकल में 6 एसी डिब्बे लगाने का सुझाव दिया है। गौरतलब है कि यदि एक पूरी एसी लोकल की ट्रेन को सर्विस में लाया जाता है, तो 12 सामान्य लोकल को सर्विस से हटाना पड़ता है।
85% को चाहिए किराए में कमी
सर्वे में ये भी बात सामने आई है कि एसी लोकल के मौजूदा किराए से 85% लोग खुश नहीं हैं। एसी लोकल का किराया फर्स्ट क्लास से डेढ़ गुना ज्यादा है, जबकि लोग 10% ज्यादा किराया देने के पक्ष में हैं।
बढ़ेगी एसी लोकल
अत्यधिक भीड़ के कारण मुंबई में यात्री ट्रेनों से गिरकर मरते हैं।इसे टालने के लिए रेलवे ने बंद दरवाजों की एसी लोकल का प्लान बनाया था। मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (एमयूटीपी) में 47 रेक खरीदने की भी मंजूरी मिली।191 एसी लोकल मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट 3A के तहत लाने की योजना है। इन 238 एसी लोकल ट्रेनों को 2024 तक उपनगरीय नेटवर्क में शामिल करने की योजना है, लेकिन अभी भी कारशेड में दस से ज्यादा एसी ट्रेनें पड़ी हैं। अधिकारियों का कहना है कि एसी लोकल को यात्रियों का प्रतिसाद नहीं मिल रहा, जबकि जो लोग एसी लोकल का टिकट खरीदना चाहते हैं, लेकिन पर्याप्त सर्विस नहीं होने के कारण प्रतिसाद नहीं मिल रहा। सामान्य दिनों में मध्य व पश्चिम रेलवे की लोकल से रोजाना 75 लाख लोग यात्रा करते रहे हैं। यात्री संगठनों का कहना है,कि दोनों उपनगरीय मार्गों पर साधारण लोकल की 3100 से ज्यादा फेरियां होती हैं। यदि एसी लोकल बढ़ी तो आम लोकल की फेरियां कम होने से भीड़ और बढ़ेगी।