
मुंबई: मुंबई (Mumbai) से नवी मुंबई (Navi Mumbai) को जोड़ने वाला देश का सबसे लंबा सी ब्रिज (Sea Bridge) लगभग बनकर तैयार हो गया है। जापान सरकार (Japan Govt.) के सहयोग से एमएमआरडीए द्वारा समुद्र के रास्ते मुंबई से नवी मुंबई तक दो चरणों के इंटरचेंज का काम पूरा कर लिया गया।
शिवडी से शिवाजीनगर इंटरचेंज पूरा होने के कार्यक्रम में पहुंचे सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने कहा कि राज्य के दो शहरों की दूरी कम करने के लिए पानी पर 16.5 किमी लंबे ब्रिज को तैयार करने का काम पूरा हो गया है। नवंबर 2023 तक ब्रिज को वाहनों के आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। शिवड़ी-न्हावासेवा ट्रांस हार्बर लिंक प्रॉजेक्ट (एमटीएचएल) के तहत कुल 22 किमी लंबे ब्रिज का निर्माण हो रहा है। इसमें से 16.5 किमी का मार्ग पानी पर तो 5.5 किमी का मार्ग जमीन पर तैयार किया जा रहा हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में समुद्र पर बने ब्रिज के दो पैकेज को जोड़ने का काम पूरा हुआ।
नई तकनीक का इस्तेमाल
देश में पहली बार एमटीएचएल पानी में बना देश का सबसे लंबा ब्रिज है। सबसे लंबा ब्रिज तैयार करने के लिए देश में पहली बार कई नई तकनीक का इस्तेमाल हुआ है। 100 साल तक यात्रियों को समुद्र के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचाने के लिए पहली बार ऑर्थोट्रोपीक स्टील डेक (ओएसडी) तकनीक का उपयोग किया गया है। वहीं देश के सबसे लंबे फ्लाईओवर पर गाड़ियां बगैर रुके दौड़ सकें। इसके लिए 22 किमी लंबे फ्लाईओवर पर देश में पहली बार ओपन रोड टोलिंग सिस्टम का इस्तेमाल होने जा रहा है।
गेम चेंजर प्रोजेक्ट: सीएम शिंदे
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि एमटीएचएल गेम चेंजर प्रोजेक्ट होगा। मुंबई से नवी मुंबई और रायगढ़ को जोड़ने वाली इस परियोजना का लोकार्पण नवंबर में पीएम मोदी के हाथों किया जाएगा। मुंबई से नवी मुम्बई की डेढ़ दो घन्टे की यात्रा मात्र 20 मिनट में होगी। यह ब्रिज शिवडी से वर्ली होते हुए कोस्टल रोड को कनेक्ट हो जाएगा। इससे पूरी तरह आर्थिक सिनारिओ बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि देश का सबसे लंबा सी ब्रिज पर्यावरणपूरक है। इसे मुंबई पुणे एक्सप्रेस-वे और मुंबई गोवा हाइवे से कनेक्ट किया जाएगा।
ब्रिज नहीं इकोनॉमिक कॉरिडोर: उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एमटीएचएल एक ब्रिज नहीं, बल्कि देश का इकोनॉमी कॉरिडोर साबित होने वाला है। यह ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की तरफ जाने वाला मार्ग है। पिछले 30 से 35 वर्षों तक इस तरह के ब्रिज की चर्चा ही चल रही थी, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी की वजह से यह संभव हो पाया है। यह सी ब्रिज इंजीनियरिंग का मार्बल है। मुंबई की तरफ इसे फ्री-वे के साथ जोड़ा गया हैऔर नरीमन पॉइंट तक टनेल रोड से जोड़ा जाएगा। एमएमआरडीए ने योजना तैयार कर ली हैं।
🕡6.25 pm | 24-05-2023 📍Sewri, Mumbai | संध्या. ६.२५ वा. | २४-०५-२०२३ 📍 शिवडी, मुंबई.
🔸मुंबई पारबंदर प्रकल्पाची पाहणी
🔸Inspection of Mumbai Trans Harbour Link (MTHL) Project#EknathDevendraAtMTHL pic.twitter.com/Ag1EqqVVpf— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) May 24, 2023
एमटीएचएल पर डीसीएम ने दौड़ाई गाड़ी
⚫️OMG ! It’s almost ready! 🤞🏻
I actually drove on our engineering marvel MUMBAI TRANS HARBOUR LINK MTHL with CM @mieknathshinde ji !
What more could I ask for 🤩 #EknathDevendraAtMTHL #Mumbai #Maharashtra pic.twitter.com/oxedwpXSby— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) May 24, 2023
कार्यक्रम के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एमटीएचएल पर अपनी गाड़ी दौड़ाई और वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ नवी मुंबई के चिर्ले तक गाड़ी चलाकर ले गए। डिप्टी सीएम ने कहा कि एमटीएचएल पर सीएम को साथ में लेकर गाड़ी चलाने में बड़ा आनंद एवं संतोष हुआ।
प्रॉजेक्ट की स्थिति
एमटीएचएल के निर्माण का काम 95 फीसदी तक पूरा हो चुका है। पानी से लेकर तक जमीन तक ब्रिज का ढांचा तैयार करने का काम पूरा हो गया है। पूरे प्रॉजेक्ट का काम तीन पैकेज में हो रहा है। अब केवल पूरे मार्ग पर सड़क तैयार करने, मार्किंग करने समेत कुछ काम बचा है। एमएमआरडीए कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास के मुताबिक, चार महीने में बचा हुआ काम पूरा कर लिया जाएगा।
ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मुताबिक, एमटीएचएल के तैयार हो जाने से मुंबई, नवी मुंबई के बाद तीसरी मुंबई के तैयार होना का रास्ता साफ हो गया है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अनुसार, जमीन की कमी की वजह से मुंबई के विकास में जो अड़चन आ रही थी। एमटीएचएल के बन जाने से जमीन की कमी की समस्या खत्म हो जाएगी। नवी मुंबई के करीब के परिसर में तेजी से विकास होगा।
केंद्र सरकार ने नियम बदले
फडणवीस के मुताबिक, एमटीएचएल के निर्माण को रफ्तार देने के लिए केंद्र सरकार ने अपने नियमों में बदलाव किया है। अब तक अन्य देशों से कर्ज केंद्र सरकार फिर केंद्र सरकार से पैसे प्रॉजेक्ट पर काम करने वाली संस्था को मिलता था, लेकिन एमटीएचएल के लिए केंद्र ने अपने नियम में बदलाव कर कर्ज सीधे एमएमआरडीए को दिलाया है।