मुंबई: फोन टैपिंग (Phone Tapping) के मामले में मुसीबत में फंसी आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla) और 100 करोड़ रुपए वसूली मामले में लापता चल रहे मुंबई (Mumbai) के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Former Police Commissioner Parambir Singh) को और भी नई मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon Violence Case) में जांच आयोग ने इन दोनों अधिकारियों को तलब किया है। जांच आयोग ने इस मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और रश्मि शुक्ला को समन जारी किया है।
आयोग के वकील आशीष सतपुते ने इस संबंध में एक अर्जी दाखिल की है। कोरेगांव भीमा हिंसा के समय परमबीर सिंह एडीजी लॉ एंड ऑर्डर थे और रश्मि शुक्ला पुणे पुलिस कमिश्नर थीं। आशीष सतपुते ने कहा कि इस मामले में इन दोनों अधिकारियों की गवाही जरुरी है, क्योंकि हिंसा के मद्देनजर उनकी खुफिया जानकारी और अन्य इनपुट्स अहम थे। आयोग के अध्यक्ष पूर्व जस्टिस जे. एन. पटेल ने सतपुते की अर्जी को मंजूर करते हुए परमबीर और रश्मि शुक्ला को समन जारी किया है।
रश्मि शुक्ला पर फोन टैपिंग का भी मामला चल रहा है
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला पर फोन टैपिंग का भी मामला चल रहा है। ऐसे आरोप हैं कि उन्होंने अधिकारियों के ट्रान्सफर के बारे में कई मंत्रियों के साथ-साथ उनके पीए के भी फोन टैप किए थे। पुणे के नजदीक एक जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव युद्ध के 200 साल पूरा होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दो समूहों के बीच संघर्ष हो गया था। जिसके बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।