Ahmedabad-Mumbai Bullet Train

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    मुंबई: पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट (PM Narendra Modi Dream Project) अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन (Ahmedabad-Mumbai Bullet Train) को मुंबई से रफ़्तार देने की तैयारी शुरू हो गई है। मुंबई के बीकेसी (BKC) में बुलेट ट्रेन के टर्मिनस के लिए भूखंड मिलने के बाद अब 21 किमी लंबी टनेल के लिए एनएचएसआरसीएल (NHSRC) ने टेंडर जारी कर दिया है।

    उल्लेखनीय है कि पिछले लगभग तीन साल से महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन का काम रुका हुआ था। राज्य में सरकार बदलते ही बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण का काम तेजी से शुरू है। केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय ने बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए राज्य में 236.85 एकड़ वन भूमि के उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।

    बीकेसी से शिलफाटा तक सुरंग

    बुलेट ट्रेन के लिए बीकेसी से ठाणे के शिलफाटा तक 21 किमी लम्बी सुरंग बनाई जाएगी। मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग कर 7 किमी अंडर-सी टनल भी बनेगा। यह सुरंग जमीनी स्तर से करीब 25 से 65 मीटर गहरी होगी और सबसे गहरा निर्माण शिलफाटा के पास पारसिक पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगा। इसका काम नए साल से शुरू होगा।

    पानी के नीचे पहली सुरंग

    बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए देश में पानी के नीचे पहली बार सुरंग बनाई जाएगी। एनएचएसआरसी के अनुसार, ठाणे क्रिक (इंटरटाइडल ज़ोन) में लगभग 7 किमी  पानी के नीचे एकल ट्यूब सुरंग होगी। जिसके अंदर जुड़वा ट्रैक बनेंगे। इस सुरंग के निर्माण के लिए 13.1 मीटर व्यास के कटर हेड वाले टीबीएम का उपयोग किया जाएगा। एमआरटीएस-मेट्रो सिस्टम में बन रही सुरंगों के लिए 5-6 मीटर डायमीटर कटर हेड्स का इस्तेमाल किया जाता है। सुरंग के लगभग 16 किमी हिस्से को बनाने के लिए तीन टनल बोरिंग मशीनों का उपयोग किया जाएगा और शेष 5 किमी न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड से होगा।

    गुजरात में तेजी से हो रहा काम

    एनएचएसआरसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण तेज होने के साथ गुजरात और दादरा नगर हवेली में लगभग 100 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हुआ है। यहां कॉरिडोर का काम तेजी से शुरू है। महाराष्ट्र में भी जल्द ही धरातल पर काम दिखाई देगा। बीकेसी में भूमिगत स्टेशन के काम की भी निविदा अक्तूबर तक फायनल हो सकती है।